बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े की अगुवाई में औरंगाबाद, अरवल और रोहतास जिलों में संगठनात्मक क्षेत्रीय बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें आगामी चुनाव को लेकर व्यापक रणनीति पर चर्चा हुई।
कौन जीतेगा बिहार?/ वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पांडे/ विस्तृत चर्चा/
बैठक के दौरान तावड़े ने दोहराया कि “बिहार में है सुशासन और विकास, फिर एक बार NDA सरकार”—यही हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि बिहार के प्रत्येक नागरिक तक एनडीए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं पहुँच रही हैं और इसी के बल पर एक बार फिर एनडीए भारी बहुमत से सत्ता में लौटेगा।

कार्यकर्ताओं को दिया गया विशेष संदेश:
तावड़े ने ज़िला, मंडल और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि अब समय संगठनात्मक मजबूती को जमीन पर उतारने का है। उन्होंने कहा:
“हर कार्यकर्ता समर्पण के साथ जुटा है और हमारा लक्ष्य है कि एनडीए सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को हर नागरिक तक पहुँचाया जाए।”
बैठक के प्रमुख मुद्दे:
बूथ प्रबंधन और बूथ समितियों की समीक्षा
जनसंपर्क अभियान की रणनीति
लाभार्थी संवाद अभियान
सामाजिक समीकरणों पर आधारित प्रचार योजना
विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम के जवाब
एनडीए की रणनीति: विकास और स्थिरता
विनोद तावड़े ने बिहार की एनडीए सरकार की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, और कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि केंद्र सरकार की योजनाओं—जैसे हर घर जल, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत—का लाभ भी जनता को मिला है।
विपक्ष पर हमला:
तावड़े ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे सिर्फ जनता को गुमराह कर सकते हैं, लेकिन जनता अब जागरूक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि “जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति को जनता ने पहले भी नकारा है और आगे भी नकारेगी।”
बिहार चुनाव को लेकर एनडीए, विशेषकर भाजपा, पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है। विनोद तावड़े जैसे वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में की जा रही संगठनात्मक बैठकें इस बात का संकेत हैं कि एनडीए बिहार में अपनी सरकार को दोहराने के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी है।
