पटना, 28 जून 2025 – जिलाधिकारी पटना की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें एडिप (Assistance to Disabled Persons for Purchase/Fitting of Aids and Appliances) योजना के अंतर्गत मूक-बधिर बच्चों को कोक्लियर इम्प्लांट की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
इस योजना को पटना जिले के दो प्रखंडों – दानापुर और फुलवारीशरीफ – में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जा रहा है। बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित किया जाए, जिससे जरूरतमंद बच्चों को समय पर और सुचारू रूप से इस सुविधा का लाभ मिल सके।
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जिलाधिकारी ने कहा कि यह पहल न केवल मूक-बधिर बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी, बल्कि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगी। स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग तथा जिला प्रशासन के समन्वय से यह योजना लागू की जाएगी।
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बैठक में मौजूद विशेषज्ञों ने बताया कि कोक्लियर इम्प्लांट की प्रक्रिया अत्यंत संवेदनशील होती है, जिसमें बच्चों का चयन, सर्जरी, पुनर्वास एवं नियमित फॉलोअप अत्यावश्यक होते हैं। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर कार्य करना होगा।
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क्या है कोक्लियर इम्प्लांट?
कोक्लियर इम्प्लांट एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो जन्म से या बचपन में ही सुनने की क्षमता से वंचित बच्चों को सुनने की क्षमता प्रदान करता है। यह आधुनिक तकनीक श्रवण क्षमता को बहाल कर बच्चों के समुचित भाषा विकास में सहायक होती है।
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सरकार की प्रतिबद्धता:
एडिप योजना के तहत सरकार विशेष रूप से दिव्यांगजनों की मदद के लिए कार्यरत है। यह पायलट प्रोजेक्ट यदि सफल होता है, तो इसे पूरे जिले में और आगे राज्य स्तर पर भी लागू किया जा सकता है।