Friday, November 14, 2025
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कुर्मी वोट बैंक में सेंधमारी, क्या जनसुराज बिगाड़ेगी राजग का खेल!

बिष्णु नारायण चौबे 

पटना जिला के बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज पार्टी ने कुर्मी समाज से प्रत्याशी खड़ा किया है। यह कुर्मी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग एवं स्वर्ण एनडीए का आधार वोट बैंक माना जाता है।इसी आधार पर इस बार राजग ने बख्तियारपुर से भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अरुण कुमार को प्रत्याशी बनाया है।

कुर्मी सहित अन्य पिछड़ा/अति पिछड़ा एवं स्वर्ण वोट को ध्यान में रखकर जनसुराज ने पूर्व विधान परिषद बाल्मीकि सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, यदि बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र के जाति आधारित आकंड़े की बात करें तो इस क्षेत्र में यादव जाति की बड़ी आबादी है।

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इस आधार पर राजद ने सिटिंग विधायक अनिरुद्ध कुमार पर फिर से भरोसा जताया है।यादव,मुस्लिम एवं अन्य पिछड़े जातियों में राजद का भी बेहतर प्रभाव है।यादव का एकमुश्त वोट अनिरुद्ध कुमार के साथ है।इसके बाद राजपूत जाति की भी बड़ी आबादी है।

2020 के बिहार विधान सभा चुनाव परिणाम के आधार पर यदि इस बार के भी जातिगत समीकरण को देखा जाए तो इस विधानसभा क्षेत्र से इस बार कुर्मी समाज से बाल्मीकि सिंह के ताल ठोकने से राजग के लिए चिंता का विषय है।बाल्मीकि सिंह का प्रभाव स्वर्ण जातियों में भी है।

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बाल्मीकि सिंह दनियावां क्षेत्र से आते हैं,जहां इस जाति की बहुलता है।इस क्षेत्र में ही कर्मी समाज की सर्वाधिक आबादी है। ऐसा माना जा रहा है कि बाल्मीकि सिंह जितना भी वोट लाएंगे, उतना नुकसान एनडीए समर्थित लोजपा(आर) प्रत्याशी को ही होगा।बाल्मीकि सिंह जनसुराज प्रत्याशी के रूप में मजबूत चेहरा हैं।

बख्तियारपुर की लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने के लिए वे पूरी ताकत से लगे हैं। बाल्मीकि सिंह यदि भूमिहार,राजपूत एवं अन्य जातियों से जितना समर्थन प्राप्त करेंगे, इससे भी एनडीए को ही नुकासन पहुंचेगा।वहीं, दूसरी ओर राजद प्रत्याशी अनिरुद्ध कुमार यादव समाज से आते हैं।इसके आधार वोट बैंक में इस बार भी कोई परिवर्तन होता दिखाई नहीं दे रहा है।

ऐसे में इस बार एनडीए के आधार वोट बैंक में खासकर कुर्मी-कोईरी, राजपूत तथा भुमिहार समाज में सेंघमारी राजग पर भारी पड़ सकती है।बख्तियारपुर में जीत के लिए राजद आश्वस्त तो दिख रहा है,लेकिन वोट को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

इस बार के चुनाव में भाजपा के पूर्व विधायक रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया के नहीं रहने से राजद को बेहतर माइलेज मिलता दिख रहा है।लोजपा प्रत्याशी अरुण कुमार को भरोसा है कि भाजपा के समर्थक जातियों के भरोसे उनकी नैया पार लग जाएगी।

देखना दिलचस्प होगा कि राजग कितनी मुस्तैदी से अपने वोटरों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने में कामयाब होती है।बख्तियारपुर से भले ही लोजपा प्रत्याशी मैदान में हैं,लेकिन भाजपा के पूर्ण सहयोग के बिना लड़ाई अधूरी रहने का खतरा है।

वैसे अरुण जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं।धीरे धीरे ही सही भाजपा के लोग भी प्रचार में निकलने लगे हैं।चुनाव में बहुत कम वक्त है और सभी को मेहनत बहुत करनी है।

लोजपा,राजद और जनसुराज आम मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे।देखना दिलचस्प होगा कि 14 नवंबर को जीत का सेहरा किसके सिर चढ़ता है।

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