पटना, जुलाई 2025।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के स्थापना दिवस पर पूर्व मुख्यमंत्री और लालू परिवार की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी का बयान एक बार फिर से पार्टी के अंदर जारी तेज प्रताप यादव बनाम तेजस्वी यादव की लड़ाई को सार्वजनिक चर्चा में ले आया है।
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राबड़ी देवी ने कहा—
“छोटा घर हो या बड़ा, सबके घर में लड़ाई होती है। भाई-भाई में बंटवारा होता है, इसमें दूसरों का क्या दोष?”
इस सहज, मगर अर्थपूर्ण कथन के पीछे छुपा है राजद के भीतर खदबदा रही सत्ता की जंग।
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राबड़ी देवी का बयान: एक स्वीकृति या राजनीतिक बचाव?
राबड़ी देवी के इस बयान को कई राजनीतिक विश्लेषक एक “स्वीकारोक्ति” मान रहे हैं कि:
तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच वर्चस्व की लड़ाई अब सिर्फ पारिवारिक नहीं, संगठनात्मक और राजनीतिक हो चुकी है।
तेज प्रताप यादव पर हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई को राबड़ी देवी ने संवैधानिक रूप से गलत बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्रवाई पार्टी संविधान के अनुसार होनी चाहिए थी।
यानि, राबड़ी देवी अप्रत्यक्ष रूप से यह कह रही हैं कि तेज प्रताप के साथ अन्याय हुआ और यह सब कुछ तेजस्वी यादव के नेतृत्व को मजबूत करने की रणनीति के तहत हुआ है।
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तेज प्रताप बनाम तेजस्वी: केवल ‘पारिवारिक विवाद’ नहीं
राबड़ी देवी ने इसे “हर घर की बात” बताया, लेकिन यह साफ होता जा रहा है कि यह लड़ाई अब सिर्फ घरेलू मतभेद नहीं, बल्कि राजनीतिक उत्तराधिकार की लड़ाई है:
तेज प्रताप यादव खुद को पार्टी की मूल विचारधारा और पहचान का वाहक मानते हैं।
वहीं तेजस्वी यादव आधुनिक छवि, गठबंधन की राजनीति और “लालूवाद + विकास” के समीकरण के साथ पार्टी को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
राबड़ी देवी के बयान ने यह संकेत दे दिया कि तेज प्रताप अब पार्टी की मुख्यधारा से दूर किए जा रहे हैं और तेजस्वी की ओर से उन्हें “पारिवारिक विरोधी” के तौर पर चित्रित किया जा रहा है।
पार्टी के अंदर की राजनीति: क्या हो रहा है?
कार्रवाई तेज प्रताप को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत पार्टी से निकाला गया
तेजस्वी की चुप्पी तेजस्वी यादव ने इस पर कोई खुला जवाब नहीं दिया, पर चुप्पी भी संकेत है
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पार्टी की स्थिति अंदरूनी खेमेबाज़ी, नेतृत्व को लेकर असमंजस
जनता की धारणा और विपक्ष की नजरें
राबड़ी देवी का बयान वायरल होने के बाद आम जनता और विपक्ष दोनों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या राजद की एकता अब महज दिखावा है?
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बीजेपी नेताओं ने इसे “आरजेडी की अंदरूनी टूटन” बताया।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी में तेजस्वी बनाम परिवार की लड़ाई आने वाले समय में गठबंधन की राजनीति पर असर डालेगी
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क्या यह राजद का आंतरिक संकट या पीढ़ीगत टकराव है?
राबड़ी देवी ने शायद एक मां और पत्नी के रूप में बयान दिया, पर उसका राजनीतिक असर बहुत गहरा है।
उन्होंने यह स्वीकार किया कि:
तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई अनुशासन के नाम पर हुई, पर वास्तव में यह तेजस्वी की पार्टी पकड़ मजबूत करने की रणनीति हो सकती है।
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यह एक पारिवारिक मतभेद से ज्यादा, पार्टी के भीतर के सत्ता संतुलन की लड़ाई है।