पिता के अपमान का बदला लेने के लिए मुख्तार अंसारी बन गया डॉन
न्यूज लहर ब्यूरो: उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी सरगना मुख्तार अंसारी की कल हार्ट अटैक से मौत हो गई।हालांकि उनकी मौत को लेकर तरह तरह के कयास और आरोप लगाए जा रहे हैं।मुख्तार अंसारी के परिजन जहर देने की आशंका भी व्यक्त कर रहे हैं।
मुख्तार अंसारी किसी परिचय का मोहताज नहीं था उसने विभिन्न दलों से पांच पांच बार विधायक का चुनाव जीता। दो बार तो उसने जेल में रहते चुनाव जीता था।एक पढ़े लिखे और रसूखदार घराने से ताल्लुक रखने वाले मुख्तार अंसारी के अपराध जगत में आने और जरायम की दुनियां का बेताज बादशाह बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। बताते हैं कि रसूखदार परिवार से आने के कारण वो दबंग स्वभाव का था।उसके पिता सिगबुतुल्लाह मोहम्मदाबाद नगरपालिका के सभापति थे तो दबंगई उसके सिर चढ़ कर बोलती थी।कॉलेज जीवन में भी उसके दबंगई के किस्से आम थे।लेकिन अपराध से उसका कोई नाता नहीं था।
तभी उसके पिता के साथ हुई एक घटना ने उसे उद्वेलित कर दिया और वो धीरे धीरे अपराधी बन गया।दरअसल वहीं मोहम्मदाबाद के इलाके में राय साहबों की तूती बोलती थी और उस वक्त सच्चिदानंद राय नामक एक व्यक्ति ने सरे बाजार उनके पिता को अपमानित कर दिया था।अपने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए वह मचलने लगा।लेकिन मोहम्मदाबाद के दबंग माने जाने वाले सच्चिदानंद राय से बदला लेने की उसकी हिम्मत नहीं थी।
उस वक्त मकनू सिंह और साधु सिंह नामक दो अपराधियों से इसने दोस्ती बधाई और दोनों की मदद से इसने सच्चिदानंद राय के गांव में घुसकर उनकी हत्या कर दी।इसके बाद मुख्तार अंसारी साधु सिंह और मकनु सिंह का शागिर्द बन गया।एक हत्या से शुरू हुई मुख्तार अंसारी का सफर पूर्वांचल के सबसे बड़े डॉन तक जा पहुंचा।बताते चलें कि मुख्तार अंसारी पर हत्या,हत्या के प्रयास,अपहरण, रंगदारी आदि के कुल 65 मामले दर्ज थे।
लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही इसके दुर्दिन शुरू हो गए।सरकार ने पहले से जेल में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ पूरी मुस्तैदी से हरकत में आ गई।धीरे धीरे उसके आर्थिक साम्राज्य को खत्म किया फिर उसके विरुद्ध दर्ज मुकदमों की गंभीरता से पैरवी होने लगी ताकि उसके बाहर आने के रास्ते बंद हो जाएं।
रंगदारी