इलेक्टोरल बॉन्ड के सबसे बड़े खरीदार कौन?
पिछले कई महीनों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड की सुनवाई और उनके फैसलों पर देश की निगाहें लगी हुई थी।सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट फैसला सुनाया की इलेक्टोरल बॉन्ड का कानून ही गलत है और बॉन्ड बेचनेवाली बैंक को 12 मार्च तक बॉन्ड के खरीदारों और लाभार्थी राजनीतिक दलों की सूची चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश सुनाया।सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया की अमुक तिथि को चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर सारी जानकारी अपलोड करे।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सकते में आ गई और सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दो दिनों में चुनाव आयोग को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा और ऐसा नहीं करने पर एसबीआई पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए 4 महीने की मोहलत मांगने वाली एसबीआई ने दो दिनों के भीतर सूचनाओं की 🖋️ पेन ड्राइव चुनाव आयोग को सौंप दिया।
अब यह सूची बाहर निकल कर आ गई है और विभिन्न मीडिया चैनल इसका पोस्ट मार्टम करने में जुटे हैं।सूची में एक चौकाने वाली जानकारी सामने आ रही है।ऐसा दावा किया जा रहा है की मद्रास की एक लॉटरी बेचने वाली कंपनी ने सबसे ज्यादा बॉन्ड खरीदे हैं।जानकारी के अनुसार उक्त कंपनी ने 1300 करोड़ से ज्यादा के बॉन्ड खरीदे हैं।
जानकारी के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड के सबसे बड़े खरीदार कौन?
कोयंबटूर स्थित प्रमुख लॉटरी वितरक फ्यूचर गेमिंग ने 1,368 करोड़ रुपये का दान दिया।
कोयंबटूर स्थित फ्यूचर गेमिंग, एक प्रमुख लॉटरी वितरक, चुनावी बांड मार्ग के माध्यम से राजनीतिक दलों को 1,368 करोड़ रुपये दान कर सबसे बड़ा दानकर्ता बनकर उभरा है।
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट के नाम से पंजीकृत कंपनी की स्थापना 1991 में हुई थी। इसकी स्थापना सैंटियागो मार्टिन ने की थी, जिन्हें भारत के ‘लॉटरी किंग’ के रूप में जाना जाता है।
फ्यूचर की वेबसाइट के अनुसार, मार्टिन ने 13 साल की उम्र में लॉटरी व्यवसाय शुरू किया, जहां “वह पूरे भारत में लॉटरी के खरीदारों और विक्रेताओं के एक विशाल विपणन नेटवर्क को विकसित करने और सुरक्षित करने में कामयाब रहे।”
दक्षिण में, कंपनी एक सहायक कंपनी, मार्टिन कर्नाटक के तहत काम करती थी, जबकि उत्तर-पूर्व में, इसने मार्टिन सिक्किम लॉटरी खोली।
कंपनी उन 13 राज्यों में 1,000 से अधिक कर्मचारियों के कार्यबल का दावा करती है जहां लॉटरी वैध है, अर्थात् अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम और पश्चिम बंगाल। नागालैंड और सिक्किम में, फ्यूचर लोकप्रिय ‘डियर लॉटरी’ का एकमात्र वितरक है।
हालाँकि, तमिलनाडु में पंजीकृत, तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता के अधीन राज्य ने 2003 में लॉटरी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन मार्टिन ने अपना अधिकांश व्यवसाय कर्नाटक और केरल में स्थानांतरित कर दिया।
लॉटरी में अपनी सफलता के बाद, मार्टिन ने रियल एस्टेट, निर्माण, कपड़ा और आतिथ्य में विविधता ला दी। उन्होंने म्यांमार, नेपाल और भूटान में भी कारोबार स्थापित किया।
फ़्यूचर की वेबसाइट के अनुसार, मार्टिन लाइबेरिया के महावाणिज्यदूत भी थे, जहाँ उन्होंने एक लॉटरी उद्योग भी स्थापित किया था।
वह लॉटरी वितरण की एक लॉबी, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी हैं।