गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक हुई मूसलाधार बारिश के बावजूद पटना नगर निगम और बुडको की टीमों ने जलनिकासी के मोर्चे पर शानदार कार्य करते हुए अधिकतर प्रभावित इलाकों में घंटों के भीतर जलजमाव की समस्या का समाधान कर दिया। यह कार्यवाही न सिर्फ तेजी से हुई, बल्कि निगम की त्वरित प्रतिक्रिया ने लोगों को बड़ी राहत दी।
तेज बारिश के बावजूद जलनिकासी का अलर्ट मोड ऑपरेशन
नगर निगम और बुडको की क्विक रिस्पॉन्स टीमें (QRT) पूरे शहर में एक्टिव मोड में थीं। अधिकारियों के नेतृत्व में विधानसभा, राजेंद्र नगर, मीठापुर, पटना सिटी, सब्जीबाग, बारी पथ, करबिगहिया, द्वारिकापुरी, बाईपास, दीघा, खेतान मार्केट, गांधी मैदान, एयरपोर्ट और बोर्ड कॉलोनी जैसे प्रमुख इलाकों से कुछ ही घंटों में जल निकासी सुनिश्चित की गई।
पदाधिकारी खुद कर रहे हैं निरीक्षण
नगर आयुक्त और अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी एवं नगर प्रबंधक स्वयं फील्ड में निरीक्षण कर रहे हैं ताकि जलनिकासी कार्यों में कोई ढिलाई न हो। संप हाउसों के वाटर लेवल की मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही है।
शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई, पंपों से निकाला गया पानी
नगर निगम को पाटलिपुत्र कॉलोनी, पाटलिपुत्र स्टेशन, कंकड़बाग और राजेंद्र नगर से कुछ शिकायतें प्राप्त हुईं, जहां पानी की निकासी अपेक्षाकृत धीमी रही। इन क्षेत्रों में भी वैकल्पिक पंपिंग सिस्टम द्वारा जलनिकासी की गई।
नगर निगम की 19 क्यूआरटी टीमें लगातार फील्ड में काम कर रही हैं और 24×7 कंट्रोल रूम से निगरानी हो रही है।
वाटर लेवल की लगातार निगरानी, सभी पालियों में तैनात हैं कर्मचारी
नगर निगम द्वारा सभी संप हाउसों पर तीनों शिफ्टों में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। CCTV और वॉकी-टॉकी के जरिए इनलेट और आउटलेट की लगातार निगरानी की जा रही है ताकि जलजमाव की स्थिति को न्यूनतम किया जा सके।
शिकायत हेतु हेल्पलाइन 155304, वैकल्पिक व्यवस्था भी तैयार
नगर निगम ने आमजनों से अपील की है कि यदि उनके क्षेत्र में जलजमाव या निकासी से संबंधित कोई समस्या है, तो वे हेल्पलाइन नंबर 155304 पर संपर्क करें। निगम की टीम मशीनों और पंपों के साथ मौके पर पहुंचेगी और कुछ घंटों में जलनिकासी सुनिश्चित की जाएगी।
पटना नगर निगम की यह त्वरित और संगठित कार्यशैली एक मिसाल है, जहाँ चुनौतियों के बावजूद शहर को जलजमाव से राहत दिलाने में कोई कोताही नहीं बरती गई। इस प्रयास में नागरिकों का सहयोग और सूचनात्मक सहभागिता भी अहम है।
सही सूचना, सक्रियता और सार्वजनिक सेवा भावना—इन्हीं तीन बिंदुओं पर नगर निगम की इस कार्यशैली को सराहा जाना चाहिए।
