सुजाता सिंह
केंद्रीय गृह एवं गृहमंत्री अमित शाह ने आज बिहार के अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान देहरी-ऑन-सोन (रोहतास) और बेगूसराय में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में विशेष रूप से स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का बचाव किया, विपक्ष पर ‘‘घुसपैठ’’ (अवैध प्रवासन) का खतरा गढ़ने का आरोप लगाया और माकूल चुनावी रणनीति तथा बूथ-स्तर संगठन मजबूत करने पर ज़ोर दिया।
अमित शाह ने अपने सम्बोधन में कहा कि SIR (Special Intensive Revision) वोटर लिस्ट की ‘‘अशुद्धियों’’ को दूर करेगा और इसे लेकर जो आलोचनाएँ हो रही हैं वे निराधार हैं। उन्होंने विपक्ष विशेषकर कांग्रेस और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका उद्देश्य ‘‘घुसपैठियों’’ को सुरक्षा प्रदान करना है — यह मुद्दा पार्टी की चुनावी रणनीति का प्रमुख हिस्सा बना हुआ है।
दौरे के दौरान शाह ने बिहार में केंद्र व राज्य के सहयोग से हुए विकास के दावों को भी दोहराया और कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को जमीन पर अपनी मजबूती दिखानी है। उन्होंने केंद्र-राज्य की परियोजनाओं व निवेशों का जिक्र करते हुए दावा किया कि NDA सरकार ने बिहार को पिछले वर्षों में बड़े पैमाने पर सहायता प्रदान की है।
राजनीय समीकरण और चुनावी तैयारियों पर चर्चा के सिलसिले में अमित शाह की पटना यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बैठक हुई; दोनों नेता और शीर्ष पदाधिकारी आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सीट-बंटवारे व गठबंधन रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। इस दौर में शाह ने संगठनात्मक मोर्चे पर 10 जिलों के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने तथा बूथ-स्तर पर कार्यकर्ता सक्रिय करने के निर्देश दिए।
बेगूसराय के मंच से अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मतदाताओं के बीच सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी फैलाएं तथा विपक्षी narrative का मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष सत्ता में आया तो राज्य में अवैध आव्रजन का आतंक बढ़ जाएगा — यह संदेश पार्टी लाइन के केंद्र में है और शाह ने इसे जोरदार ढंग से दोहराया।
पत्रकारों से बातचीत में वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने कहा कि शाह का यह दौरा चुनावी रैलियों/संबोधनों से आगे जाकर संगठनात्मक मजबूती, राजनैतिक संदेश और बूथ-स्तर तैयारियों का समायोजन करने का एक भाग है। पार्टी के आला नेतृत्व ने भी बताया कि शाह ने Rohtas-Shahabad (मगध-शाहाबाद) क्षेत्र को चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया और वहां 10 जिलों के लिए रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
राजनीतिक पृष्ठभूमि — हालिया महीनों में ‘घुसपैठ’ और मतदाता सूची से जुड़े मुद्दे दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस का केन्द्र रहे हैं; भाजपा इसे नागरिकता-संबंधी सुरक्षा व राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बना रही है जबकि विपक्ष इसे डर-भरे और विभाजनकारी ध्रुवीकरण का आरोप लगाता है। शाह के आख्यान ने राज्य में इस बहस को और तेज कर दिया है, जो आगामी विधानसभा चुनावों का अहम हिस्सा नजर आता है।