राजेश सिन्हा
रविवार रात लगभग 9 बजे सहरसा–राजेंद्रनगर इंटरसिटी (ट्रेन संख्या 13227) जब खुसरूपुर रेलवे स्टेशन से खुली, तभी अज्ञात असामाजिक तत्वों ने ट्रेन की एसी चेयर कार बोगी C1 पर अचानक पत्थरबाजी कर दी। इस हमले में सीट संख्या 59 के पास लगी खिड़की का कांच पूरी तरह चकनाचूर हो गया। सौभाग्य से यात्री किसी बड़े हादसे से बच गए।
सहरसा-राजेंद्रनगर इंटरसिटी (13227) पर खुसरूपुर स्टेशन के पास हुई पत्थरबाजी, महिला यात्री दहशत मे
न्यूज़ लहर की रिपोर्ट पर रेल मंत्रालय का त्वरित एक्शन
इस घटना की विस्तृत खबर न्यूज़ लहर पोर्टल पर प्रकाशित की गई थी और हमारे आधिकारिक X हैंडल से इसे रेल मंत्रालय के यात्री सहायता हैंडल @RailSeva को टैग किया गया।
@RailSeva ने इस ट्वीट पर त्वरित संज्ञान लेते हुए दानापुर मंडल रेल प्रबंधक (DRM) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) दानापुर को तत्काल जांच कर आवश्यक कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
क्यों खतरनाक है ट्रेन पर पत्थरबाजी
ट्रेन पर पत्थरबाजी केवल संपत्ति की क्षति नहीं, बल्कि यात्रियों की जान के लिए गंभीर खतरा है।
टूटे कांच के कारण यात्री गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं, यहां तक कि जान भी जा सकती है।
रेलवे अधिनियम के तहत ऐसी घटनाएँ कड़े दंडनीय अपराध हैं और दोषियों को कड़ी सजा हो सकती है।
संभावित कारण और चुनौतियाँ
1. स्थानीय असामाजिक तत्वों की हरकत।
2. रात के समय कमजोर गश्त और निगरानी।
3. स्टेशन के आसपास संवेदनशील इलाके, जहाँ पहले भी रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।
क्या कर रहा है रेलवे प्रशासन
DRM और RPF को घटना की पूरी जाँच रिपोर्ट बनाने का आदेश।
इलाके में अतिरिक्त गश्ती दल तैनात करने की संभावना।
संदिग्धों की पहचान हेतु खुसरूपुर स्टेशन के आगे CCTV फुटेज और चश्मदीद के बयान लिए जानेकी संभावना।
स्थानीय पुलिस प्रशासन से सहयोग लेकर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की तैयारी।
खुसरूपुर में इंटरसिटी ट्रेन पर हुई पत्थरबाजी की यह घटना यह बताती है कि भारतीय रेल में सुरक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता है। रेल मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए DRM और RPF दानापुर को कड़े निर्देश दिए हैं। अब ज़रूरी है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सज़ा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।