बिहार में नगर निकायों को मिली नई शक्ति: सशक्त स्थायी समिति के सदस्य अब पार्षद चुनेंगे
पटना: बिहार के नगर निकायों में स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव अब सीधे पार्षदों के गुप्त मतदान से होगा। नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री श्री जिवेश कुमार ने इस फैसले को ऐतिहासिक और लोकतंत्र को मजबूत करने वाला बताया है। इस बदलाव से नगरपालिका के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे विकास कार्यों को नई गति मिलेगी।
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क्या है नया फैसला?
बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 में किए गए संशोधन (बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम, 2024) के बाद यह बदलाव संभव हुआ है। इस फैसले के मुख्य बिंदु:
चुनावी प्रक्रिया: सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव पार्षदों के बीच गुप्त मतदान से होगा। यह पूरी प्रक्रिया जिलाधिकारी की देखरेख में कराई जाएगी।
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प्रतिनिधि की छूट: लोकसभा/राज्यसभा/विधानसभा/विधान परिषद के सदस्यों को अपनी व्यस्तता के चलते बैठकों में भाग लेने से छूट मिलेगी। वे चाहें तो अपने प्रतिनिधि (निकट संबंधी को छोड़कर) को भेज सकते हैं, लेकिन उस प्रतिनिधि को मतदान का अधिकार नहीं होगा।
रिक्त पद भरना: अगर किसी स्थायी समिति सदस्य का पद खाली होता है, तो उसे पार्षदों के गुप्त मतदान से भरा जाएगा। नया सदस्य बचे हुए कार्यकाल के लिए पद पर रहेगा।
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मंत्री श्री जिवेश कुमार ने कहा कि पार्षदों की यह लंबे समय से चली आ रही माँग थी। इस लोकतांत्रिक चयन प्रक्रिया से नगरपालिका के काम में पारदर्शिता आएगी और जनहित की योजनाएं तेजी से लागू होंगी। यह फैसला नगर निकायों को आत्मनिर्भर और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।