मनोज कश्यप
राजधानी पटना के सबसे व्यस्ततम और संवेदनशील मार्गों में शुमार न्यू डाकबंगला रोड—जो डाकबंगला चौराहा से एसपी वर्मा रोड होते हुए एग्जीबिशन रोड चौराहा और फिर नाला रोड तक जाता है—इन दिनों मौत का रास्ता बन चुका है।
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इस सड़क के एसपी वर्मा रोड चौराहा से एग्जीबिशन रोड चौराहा तक पटना नगर निगम द्वारा नाला निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य के तहत सड़क के एक ओर 4 से 5 फीट गहरे गड्ढे खुदे हैं, जो भारी जोखिम से भरे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इतने खतरनाक खुदाई कार्य के बावजूद इसी सड़क पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों की आवाजाही बेरोकटोक जारी है।
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न सुरक्षा दीवार, न मार्ग परिवर्तन
जहां एक ओर गहरे खड्डे हैं, वहीं दूसरी ओर तेज रफ्तार में चलती गाड़ियां—बीच में न तो कोई मजबूत सुरक्षा अवरोधक है और न ही कोई स्पष्ट चेतावनी संकेत। नगर निगम के ठेकेदार ने खानापूरी करते हुए बस हरे रंग का एक कपड़ा लगाकर “सावधानी” दिखाने का प्रयास किया है। यह उपाय न तो पर्याप्त है और न ही सुरक्षित।
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बारिश में बढ़ जाता है खतरा
बारिश के दिनों में यह रास्ता और भी जानलेवा हो जाता है। जलभराव की स्थिति में नाले की खुदाई और सड़क की सीमाएं पूरी तरह ढक जाती हैं, जिससे वाहन चालकों को न तो गड्ढे का अंदाजा होता है और न ही सही रास्ते का। किसी भी क्षण कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
प्रशासन को चाहिए त्वरित निर्णय
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों का कहना है कि नगर निगम को चाहिए कि या तो इस कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए या फिर इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाए, जब तक निर्माण कार्य पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता। एक और विकल्प यह भी हो सकता है कि वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग सुनिश्चित कर ट्रैफिक डायवर्ट किया जाए।
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अगर इस स्थिति पर शीघ्र संज्ञान नहीं लिया गया, तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना इस लापरवाही की कीमत बन सकती है। नगर निगम और संबंधित प्रशासनिक इकाइयों की यह जिम्मेदारी बनती है कि जनता की जान की कीमत पर लापरवाही न बरती जाए।
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