पटना जिले के मसौढ़ी अंचल कार्यालय में “डॉग बाबू” के नाम से निवास प्रमाण-पत्र जारी करने के सनसनीखेज मामले में जिला प्रशासन ने त्वरित और कड़ा एक्शन लिया है। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम के नेतृत्व में मामले की जांच की गई, जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
जांच में पाया गया कि दिल्ली की एक महिला के आधार कार्ड का दुरुपयोग करते हुए फर्जी तौर पर “डॉग बाबू” के नाम से प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया गया था, जिसमें न सिर्फ कुत्ते की फोटो लगी थी, बल्कि पिता का नाम “कुत्ता बाबू” और मां का नाम “कुटिया देवी” दर्शाया गया था।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह मामला कोई अनजानी भूल नहीं थी, बल्कि जानबूझ कर सरकारी प्रक्रिया और छवि को बदनाम करने के लिए किया गया कृत्य है। गलत साक्ष्य के आधार पर प्रमाण-पत्र निर्गत करने में संलिप्त आवेदक, आईटी सहायक और राजस्व अधिकारी के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
राजस्व अधिकारी के विरुद्ध बिना विस्तृत जांच किए प्रमाण-पत्र निर्गत करने के कारण निलंबन की अनुशंसा की गई है।
आईटी सहायक को बिना सत्यापन आवेदन अग्रसारित करने के लिए तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
आवेदक द्वारा नियमविरुद्ध शपथ-पत्र एवं पहचान पत्र के दुरुपयोग की जांच चल रही है।
जांच प्रक्रिया के दौरान जिलाधिकारी ने कहा है कि दोषियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। फिलहाल, यह निवास प्रमाण-पत्र रद्द कर दिया गया है।
प्रशासन ने आमजन को भरोसा दिलाया है कि ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए सभी ज़रूरी उपाय और विभागीय कार्रवाई की जाएंगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी लापरवाही न कर सके।