Sunday, July 27, 2025
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Bihar Politics: इस हमाम में सब नंगे हैं, चाहे भाजपा हो या आरजेडी: प्रशांत किशोर का बड़ा आरोप

पटना।
जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और आरजेडी दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने माता गुजरी देवी मेडिकल कॉलेज के संचालन और नियंत्रण को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाए। प्रशांत किशोर ने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज में पिछले 25 वर्षों से धांधली चल रही है, जिसमें 50 से अधिक राजनीतिक परिवारों के रिश्तेदारों को बिना किसी प्रवेश परीक्षा या टेस्ट के दाखिला दिया गया।

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प्रशांत किशोर ने दावा किया कि इस कॉलेज से लालू यादव के दो साले के बच्चे, भाजपा नेता राधामोहन सिंह के संबंधी और कई अन्य राजनेताओं के परिजन डॉक्टर बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज एक अल्पसंख्यक ट्रस्ट की संपत्ति थी, जिस पर डॉ. दिलीप जायसवाल ने गलत तरीके से कब्जा किया। “जो कभी क्लर्क थे, वे आज कॉलेज के सर्वेसर्वा बने बैठे हैं,” पीके ने आरोप लगाया।

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उन्होंने कहा कि इस कब्जे में आरजेडी की भूमिका भी संदिग्ध रही है। “राबड़ी देवी दिलीप जायसवाल को अपना मुंहबोला भाई मानती हैं। तेजस्वी और तेजप्रताप यादव ने भी इस पर कभी सवाल नहीं उठाया,” उन्होंने कहा। पीके ने कहा कि यह राजनीतिक मिलीभगत का जीता-जागता उदाहरण है, और यही कारण है कि इतने सालों से कोई आवाज़ नहीं उठी।

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कॉलेज के संस्थापक सरदार मौलेश्वर सिंह के बेटे गुरदयाल सिंह भी प्रेस वार्ता में मौजूद थे और उन्होंने भी ट्रस्ट से परिवार को हटाए जाने और कॉलेज पर कब्जे के आरोप लगाए। पीके ने यह भी दावा किया कि एक पुलिस अधीक्षक, जिसने जायसवाल को एक मामले में क्लीनचिट दी, उसकी पत्नी को भी कॉलेज में दाखिला मिला। उन्होंने कहा कि “जिन्होंने विरोध किया, उन्हें सीट देकर चुप करा दिया गया।”

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बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने पीके के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि “अगर उनके पास सबूत हैं तो सार्वजनिक करें। यह सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास है।” उधर, खबर है कि डॉ. दिलीप जायसवाल भी इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी कर रहे हैं।

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प्रशांत किशोर ने अंत में कहा कि अब “जन सुराज” इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर कानूनी लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस मामले पर जवाब मांगा और कहा, “यह अब सिर्फ एक कॉलेज की बात नहीं रही, यह व्यवस्था की सच्चाई उजागर करने का समय है।”

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