Sunday, July 27, 2025
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बिहार विधानसभा सत्र आज से: तेजस्वी – तेजप्रताप होंगे आमने सामने। 

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज सोमवार से शुरू होने जा रहा है, जो 25 जुलाई तक चलेगा। यह सत्र 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र है, इसलिए इसे केवल विधायी चर्चा का मंच नहीं बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक परीक्षा के तौर पर भी देखा जा रहा है।

हालांकि इस बार सदन में जो सबसे ज्यादा नजरें खींचेगा, वह है लालू यादव परिवार के अंदरूनी मतभेद — जो अब राजनीतिक विमर्श का भी हिस्सा बन चुका है।

बिहार विधानसभा का अंतिम मानसून सत्र आज से, 12 अहम विधेयकों और कानून-व्यवस्था पर छिड़ेगी बहस

राबड़ी देवी, तेजप्रताप और तेजस्वी: आमने-सामने होंगे तीन चेहरे

जैसे-जैसे विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सदन में एक मंच पर साथ दिखेंगे?

तेजप्रताप यादव, जो हाल के दिनों में खुलकर अपनी पार्टी RJD और भाई तेजस्वी पर नाराज़गी जता चुके हैं, ने पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाया है।

वहीं तेजस्वी यादव, जो नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्होंने अभी तक इस विवाद पर चुप्पी साध रखी है।

राबड़ी देवी, जो पहले पारिवारिक संवाद में संतुलन बनाए रखने की भूमिका निभाती थीं, इस बार खुद भी राजनीतिक तौर पर सक्रिय दिखना चाहती हैं।

राबड़ी देवी के बयान से खुली आरजेडी की अंदरूनी लड़ाई — ‘भाई-भाई में बंटवारा’ क्या तेजस्वी की ताकत बढ़ाने की रणनीति है?
आज सत्र के पहले दिन ही अगर तीनों एक साथ नजर आएं तो यह विधानसभा के भीतर एक अलग ही राजनीतिक माहौल बना देगा।

क्या होगा सत्र में खास?

सरकार पेश करेगी ₹50,000 करोड़ का अनुपूरक बजट प्रस्ताव

12 अहम विधेयकों को सदन में लाने की तैयारी, जिनमें मुख्य हैं:

जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक

गीग वर्कर्स और दुकानदार हित विधेयक

भूमि विवाद समाधान विधेयक

बिहार की राजनीति में नया भूचाल: तेजप्रताप यादव ने बनाई नई पार्टी, RJD और तेजस्वी यादव की राजनीति पर बड़ा असर संभव
विपक्ष कानून-व्यवस्था, पटना की आपराधिक घटनाएं, और चुनाव आयोग के SIR अभियान को लेकर सरकार पर हमलावर होगा।

सियासत में निजी संघर्ष: असर कितना गहरा?

विशेषज्ञों की मानें तो तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच दूरी केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी बन चुकी है।

तेज प्रताप ने हाल ही में कहा कि उन्हें “अपनों से ही जान का खतरा है”, जिससे यह विवाद और गहराया।

राबड़ी देवी के पक्ष में खड़े कुछ पुराने RJD कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी नेतृत्व और संगठन में संतुलन लाया जाए।

यदि यह मतभेद सदन के दौरान सामने आता है — या तेज प्रताप अलग स्टैंड लेते हैं — तो विपक्ष की एकजुटता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है।

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क्या RJD सत्र में एकजुट दिखेगी?

तेजस्वी यादव के लिए यह सत्र सरकार को घेरने का आखिरी बड़ा मौका है। लेकिन पारिवारिक खींचतान अगर राजनीतिक मंच पर आ गई तो इससे उनकी विश्वसनीयता और विपक्ष की रणनीति दोनों प्रभावित हो सकती हैं।

आज से क्या देखना होगा: प्रमुख बिंदु

विषय संभावित घटनाक्रम

लालू परिवार तीनों सदन में साथ दिखेंगे या नहीं?
विपक्ष की रणनीति सरकार को कानून व्यवस्था, SIR और भ्रष्टाचार पर घेरना
सरकार का एजेंडा 12 विधेयक और अनुपूरक बजट का प्रस्तुतीकरण
विधानसभा का वातावरण चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल में तीखापन

राजद : मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव को आगे करने की कवायद, तेज प्रताप यादव विद्रोही….

आज से शुरू हो रहा मानसून सत्र सिर्फ एक औपचारिक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि चुनाव 2025 की नींव बन सकता है।
जहाँ सत्ता पक्ष अपने 5 वर्षों की उपलब्धियों को भुनाना चाहेगा, वहीं विपक्ष सरकार की विफलताओं को उजागर करेगा। लेकिन इन सबके बीच लालू परिवार की आंतरिक राजनीति बिहार की सबसे चर्चित बात बनने जा रही है।

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