पार्टी की ताकत ग्रामीण इलाकों तक सीमित, नगर निगम क्षेत्र में उम्मीदवार शून्य पर आउट; महागठबंधन को नुकसान, NDA को अप्रत्यक्ष लाभ
बेगूसराय जिले में जन सुराज पार्टी की मौजूदगी अब क्षेत्रवार स्पष्ट रूप से परिभाषित होती जा रही है।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पार्टी की सबसे मज़बूत पकड़ चेरिया बरियारपुर और बखरी विधानसभा क्षेत्रों में है, जहाँ दमदार उम्मीदवार ,कार्यकर्ताओं का नेटवर्क और संगठनात्मक ढांचा अपेक्षाकृत सक्रिय है।
मटिहानी, बछवाड़ा और तेघड़ा विधानसभा क्षेत्रों में जन सुराज की उपस्थिति दूसरे क्रम की मानी जा रही है। इन इलाकों में पार्टी की पहचान बनी तो है, लेकिन अभी भी यह मतों को निर्णायक रूप से प्रभावित करने की स्थिति में नहीं पहुंची है।
इसके विपरीत, बेगूसराय सदर और साहेबपुर कमाल क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर बताया जा रहा है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इन दोनों सीटों पर जन सुराज उम्मीदवारों की भूमिका महागठबंधन के वोटों को विभाजित करने वाली हो सकती है।
विशेषकर बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार का आधार नगण्य है, बेगूसराय के जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार ग्रामीण इलाकों में ज्यादा फोकस कर रहे हैं और उन्हें मिलने वाले वोट अंततः NDA उम्मीदवार के पक्ष में लाभकारी साबित हो सकते हैं।
विश्लेषकों का निष्कर्ष है कि
“जन सुराज पार्टी बेगूसराय में एक या दो सीट निकालने की स्थिति में है वो सीट चेरिया बरियारपुर और बखरी हो सकती है , लेकिन वह कुछ सीटों पर विपक्षी मतों के बिखराव से चुनावी परिणामों की दिशा तय करने की स्थिति में जरूर है।”
