पटना।
जिलाधिकारी पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने सोमवार को लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से जुड़े मामलों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी आवेदनों का त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम और बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) के प्रावधानों का पालन हर हाल में अनिवार्य है।
शिकायत निवारण में प्रगति
विगत एक सप्ताह में 314 मामलों का निष्पादन, जबकि 184 नए परिवाद प्राप्त हुए।
कोई भी आवेदन एक्सपायर्ड नहीं है।
60 कार्य दिवस से अधिक एक भी मामला लंबित नहीं।
प्रथम अपील के 11,295 मामलों में से 11,005 का निष्पादन हो चुका है।
द्वितीय अपील के 4,204 मामलों में 4,079 मामलों का निष्पादन किया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 111 मामलों में आर्थिक दंड लगाया गया है, जिसकी कुल राशि ₹3,13,800 है। साथ ही 25 मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन अधिकारियों पर दंड अधिरोपित है, वे राशि तुरंत जमा करें अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी।
आरटीपीएस की स्थिति
समीक्षा में कुल 103 एक्सपायर्ड मामले पाए गए, जिनमें मोकामा, मसौढ़ी, पटना सदर, बख्तियारपुर, फतुहा और पालीगंज के विभिन्न प्रमाण-पत्र एवं योजनाओं से जुड़े आवेदन शामिल हैं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों से तत्काल स्पष्टीकरण मांगते हुए निर्देश दिया कि इन आवेदनों का शीघ्र निष्पादन किया जाए और आगे से किसी भी हालत में एक्सपायर्ड मामलों की संख्या शून्य रखी जाए।
उन्होंने विशेष रूप से राशन कार्ड से संबंधित आवेदनों के त्वरित निष्पादन और लाभुकों के बीच कैम्प लगाकर वितरण सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
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भूमि विवाद एवं संयुक्त बैठक
जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों की संयुक्त बैठक की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भूमि विवादों के समाधान में शनिवारीय संयुक्त बैठक अहम है और सभी अनुमंडल पदाधिकारी सुनिश्चित करें कि यह बैठक नियमित रूप से आयोजित हो एवं भू-समाधान पोर्टल पर अपलोड की जाए।
जिलाधिकारी का संदेश
डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि लोक शिकायत निवारण और आरटीपीएस अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनता को सेवा प्रदायगी में किसी भी प्रकार की लापरवाही, शिथिलता या अनियमितता कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को जनता दरबार, सीपीग्राम एवं मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से संबंधित मामलों के निस्तारण में भी तत्पर रहने का निर्देश दिया।
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