अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ ने देशभर में एक नई आर्थिक और सामाजिक लहर को जन्म दिया है। इस फैसले के विरोध में अब भारत में अमेरिकन ब्रांड्स के बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों के समर्थन की आवाज बुलंद हो रही है।
किन ब्रांड्स पर निशाना?
योगगुरु बाबा रामदेव, स्वदेशी जागरण मंच सहित कई संगठनों और आम नागरिकों ने उन अमेरिकी कंपनियों के बहिष्कार का आह्वान किया है, जो भारतीयों की रोज़मर्रा ज़िंदगी में गहराई से शामिल हैं। इनमें प्रमुख हैं –
फूड एंड रेस्टोरेंट चेन: मैकडॉनल्ड्स, केएफसी, पिज़्ज़ा हट, डोमिनोज़, सबवे, स्टारबक्स, बर्गर किंग, टैको बेल।
रिटेल और लाइफस्टाइल: वॉलमार्ट (फ्लिपकार्ट), नाइकी, लीवाइस, स्केचर्स, गेस।
फूड एंड बेवरेज: कोका-कोला, पेप्सिको, केलॉग्स, मार्स, मोंडिलेज़।
सोशल मीडिया से सड़कों तक विरोध
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #BoycottUSBrands और #GoSwadeshi जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। हजारों लोगों ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे ऐप्स हटाने, तथा कोका-कोला और मैकडॉनल्ड्स जैसे उत्पादों को छोड़ने की घोषणा कर दी है।
कई व्यापारी संगठनों ने दुकानदारों से विदेशी ब्रांड्स को शेल्फ से हटाकर देसी विकल्पों को बढ़ावा देने की अपील की है। दिल्ली, मुंबई, पटना और लखनऊ जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक रैलियां, पोस्टर और जन-जागरण अभियान चलाए जा रहे हैं।
‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बढ़ता कदम
यह विरोध केवल नाराज़गी तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को एक नई गति देता दिख रहा है। नागरिक और व्यापारी अब अमूल, पारले, पतंजलि, टाटा, गोदरेज जैसे भारतीय ब्रांड्स को अपनाने और बढ़ावा देने की अपील कर रहे हैं।
संभावित असर
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह बहिष्कार लंबे समय तक जारी रहा तो अमेरिकी कंपनियों को भारत में भारी राजस्व नुकसान हो सकता है। हालांकि, टैरिफ बढ़ने से भारतीय निर्यातकों को भी झटका लग सकता है। राजनीतिक दलों ने इसे आर्थिक स्वतंत्रता का मुद्दा बताते हुए केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
अमेरिकी ब्रांड्स के बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों के समर्थन का यह अभियान अब केवल एक भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि देशहित की आवश्यकता बन चुका है। अगर भारत एकजुट होकर इस राह पर आगे बढ़ता है, तो यह कदम न केवल भारतीय उद्योग और रोजगार को नई ऊंचाई देगा बल्कि विदेशी दबावों से आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में भी निर्णायक साबित होगा।
Bihar Police | वाहन चालक पर निगरानी शख्त | कार्रवाई | ADG Traffic Sudhanshu Kumar