बिहार में साइबर अपराधों की रफ्तार चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार:
2022: 1,606 मामले
2024: 5,712 मामले
2025 (पहले 5 महीने): 3,200+ मामले दर्ज
लगातार बढ़ते इन मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।
🔹 दो नई साइबर फोरेंसिक इकाइयाँ — एक पटना में और दूसरी राजगीर में स्थापित होंगी।
🔹 तकनीकी सहयोग और विशेषज्ञ प्रशिक्षण के लिए नेशनल फोरेंसिक साइंसेज़ यूनिवर्सिटी (NFSU) के साथ ₹13 करोड़ का समझौता किया गया है।
🔹 इन इकाइयों में आधुनिक डिजिटल साक्ष्य विश्लेषण, डेटा रिकवरी, साइबर ट्रैकिंग और AI आधारित अपराध जांच तकनीक लागू की जाएगी।
इस कदम से न केवल जांच की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि अपराधियों को पकड़ने और सबूतों को अदालत में पेश करने की क्षमता भी मज़बूत होगी।
