बिहार की राजनीति में चर्चित चेहरा और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें जनवरी 2025 के पंचमहला फायरिंग केस में सशर्त जमानत दे दी है। इस फैसले से जहां उनके समर्थकों में उत्साह की लहर है, वहीं इसे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करने वाला घटनाक्रम माना जा रहा है।
न्यू डाकबंगला रोड पर मौत से जूझते वाहन चालक, नाले की खुदाई के बीच बिना सुरक्षा चल रहा ट्रैफिक
क्या है पूरा मामला?
जनवरी 2025 में मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में हुए सोनू-मोन्नू फायरिंग कांड में अनंत सिंह का नाम सामने आया था।
पीड़ित मुकेश सिंह की शिकायत के अनुसार, उनके घर पर हमला हुआ और लगभग 70 राउंड फायरिंग की गई थी। घटना में अनंत सिंह के समर्थकों की संलिप्तता बताई गई थी। इस मामले में प्राथमिकी पंचमहला थाना कांड संख्या 05/2025 के तहत दर्ज की गई थी।
घटना के बाद अनंत सिंह ने बाढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इससे पहले, निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
बिहार में शराबबंदी हटाना राजनैतिक दल की स्वार्थी सोच
हाई कोर्ट से मिली राहत
पटना हाई कोर्ट ने अनंत सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केस डायरी और साक्ष्यों की गहन समीक्षा के बाद जमानत मंजूर की।
कोर्ट ने उन्हें यह जमानत कुछ शर्तों पर दी है:
नियमित रूप से अदालत में उपस्थित रहना होगा।
किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि से दूर रहना होगा।
साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करनी होगी।
आख़िर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की देशभक्ति पर सवाल क्यों उठाया?
हाई कोर्ट के आदेश की प्रति अब जेल प्रशासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद उनकी रिहाई 1–2 दिनों के भीतर संभव है।
प्रत्यय अमृत होंगे नए मुख्य सचिव, प्रशासन में नई ऊर्जा का संकेत
समर्थकों में खुशी की लहर
अनंत सिंह की जमानत की खबर मिलते ही मोकामा, पटना और बाढ़ क्षेत्रों में उनके समर्थकों ने पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया।
सोशल मीडिया पर भी उनके रिहा होने को लेकर “#BackWithBahubali” जैसे टैग्स ट्रेंड करने लगे हैं।
कांग्रेस का चुनाव आयोग पर हमला या बचाव की रणनीति? तेजस्वी यादव का फर्जी वोटर आईडी मामला
चुनावी समीकरणों पर असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अनंत सिंह की रिहाई आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा मोड़ ला सकती है।
वे मोकामा विधानसभा सीट से फिर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, जो उनके विरोधियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
स्वतंत्रता दिवस समारोह 2025 हेतु गाँधी मैदान में तैयारियाँ अंतिम चरण में, आमजन की एंट्री पर रोक
पटना हाई कोर्ट के इस फैसले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।
एक ओर जहां अनंत सिंह की रिहाई से उनके समर्थकों में खुशी की लहर है, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधीयो की भौहें तन गई हैं।
बहरहाल, अनंत सिंह की वापसी से मोकामा समेत पूरे पटना क्षेत्र की राजनीतिक तस्वीर में बदलाव तय माना जा रहा है।