मनोज कश्यप
पटना, 09 जुलाई 2025 आज देशभर के डाकघरों में सन्नाटा पसरा रहा, जब नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल एम्प्लॉइज (NFPE) के आह्वान पर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया। संयुक्त परिषद डाक कर्मचारी के बैनर तले आयोजित इस हड़ताल में डाक विभाग के सभी वर्गों के कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे डाक सेवाएं, आरएमएस (RMS), प्रशासनिक कार्य और लेखा कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा।
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प्रमुख मांगें:
इस हड़ताल के माध्यम से NFPE और उससे जुड़े संगठनों ने सरकार के समक्ष कई गंभीर मांगें रखीं, जिनमें प्रमुख हैं:
पोस्ट ऑफिस एक्ट 2023 को अविलंब वापस लिया जाए
नई पेंशन योजना (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया जाए
आठवां केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) तुरंत गठित किया जाए
सभी चार श्रम संहिताएं (Labour Codes) रद्द की जाएं
बंद किए गए RMS अनुभागों को पुनः शुरू किया जाए
सड़क मार्ग से लंबी दूरी की डाक भेजने का आदेश वापस लिया जाए
बंद हुए L2 मेल ऑफिसों में ICH और पार्सल हब पुनः खोले जाएं
IDC (इंटीग्रेटेड डिलीवरी सेंटर) को समाप्त किया जाए
RTN (Road Transport Network) पर रोक लगाई जाए
SA और PA के विलय का निर्णय रद्द किया जाए
ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को सिविल सर्वेंट का दर्जा दिया जाए
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बिहार सर्कल में जोरदार प्रभाव
बिहार में इस हड़ताल की सफलता का श्रेय संगठनात्मक स्तर पर की गई सघन तैयारियों को जाता है। इस दौरान कई केंद्रीय नेताओं ने राज्य भर में प्रचार और जनसंपर्क अभियान चलाया:
श्री शशांक (संगठन सचिव, CHQ – एडमिन यूनियन) श्री भानु प्रताप (संगठन सचिव, CHQ – PAO यूनियन) श्री मनिंदर कुमार (संगठन सचिव, CHQ – P-4 यूनियन)श्री श्रीकांत पंकज (सर्किल सचिव, R-3)
इनके साथ बिहार सर्कल में कई स्थानीय नेताओं ने हड़ताल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें शामिल हैं:
श्री मुकेश कुमार, सर्किल सचिव, R-4 यूनियन श्री बृज मोहन प्रसाद, सर्किल अध्यक्ष श्री विजित कुमार, मंडलीय सचिव श्री सुरेश पंडित, मंडलीय सचिव, श्री रौशन कुमार, शाखा सचिव, श्री रवींद्र प्रसाद, सर्किल कोषाध्यक्ष, श्री अरविन्द कुमार, सर्किल उपाध्यक्ष, श्री सूरज प्रकाश, सर्किल कोषाध्यक्ष, श्री मणि भूषण, सहायक मंडलीय सचिव, श्री बृज किशोर प्रसाद, सहायक सचिव, श्री रवि कांत झा सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य
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नेताओं का संदेश
हड़ताल के दौरान विभिन्न केंद्रों पर नेताओं ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की नीतियां, विशेष रूप से पोस्ट ऑफिस एक्ट 2023 और श्रम संहिताएं, डाक कर्मचारियों के अधिकारों और भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रही हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि इन जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों को तत्काल वापस लिया जाए।
नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यह हड़ताल केवल एक शुरुआत है — यदि सरकार ने मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा।
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एकता और संघर्ष का प्रदर्शन
NFPE द्वारा आहूत यह हड़ताल डाक विभाग की एकता
और कर्मचारियों की संघर्षशीलता का प्रतीक बन गई है। देशभर में डाक सेवाओं के रुकने से यह स्पष्ट हो गया है कि यदि कर्मचारी संगठन एकजुट हो जाएं, तो किसी भी अन्यायपूर्ण नीति का विरोध प्रभावी तरीके से किया जा सकता है।