प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर व्यंग्य के तीर छोड़ते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक लंबी टिप्पणी जारी की, जिसमें प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को लेकर चुटीले लेकिन कटाक्षपूर्ण अंदाज में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “मोदी जी आज सावन में मटन पार्टी वालों को सम्मानित करने आए हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे।
तेजस्वी ने व्यंग्य करते हुए लिखा कि—
“132 महीने पहले मोदी जी ने मोतिहारी की बंद पड़ी चीनी मिल को खोलने और उसी चीनी से बनी चाय पीने का वादा किया था, लेकिन आज साढ़े 11 साल बाद भी वह वादा फाइलों की मिठास में गुम है। हो सकता है इसका दोष सम्राट अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य को दे दें!”
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अपराध पर भी पिछली सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराने की तैयारी:
तेजस्वी यादव का आरोप है कि आज बिहार में बेलगाम अपराध के लिए मोदी जी आज भी 50 साल पुरानी सरकारों को जिम्मेदार ठहराएंगे, जबकि खुद की पार्टी पिछले 18 साल से या तो केंद्र में है या बिहार में गठबंधन में।
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पुलिस को भी मिला व्यंग्य का निशाना:
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “किसानों को अपराधी बताने वाली बिहार पुलिस को मोदी जी आज सम्मानित करेंगे, शायद उन्हें कृषि कानून वापस लेने की भरपाई करनी है।”
जुमलों की मूसलाधार बारिश:
“प्रधानमंत्री के साथ आज जुमलों की ऐसी बारिश होगी कि इंद्र देवता भी छाता लेकर भाग खड़े होंगे।”
टेलीप्रॉम्पटर एक्टिंग शो:
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री वही पुरानी पिटी-पटाई स्क्रिप्ट पढ़ेंगे, जिसे वो हर चुनावी राज्य में पढ़ते हैं — “जंगलराज, लालू, RJD, मुसलमान, विपक्ष” जैसे शब्द बार-बार दोहराए जाएंगे।
एंटायर पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई:
तेजस्वी ने व्यंग्य में कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर दो दिन से जिले के स्कूल बंद हैं और बच्चे “एंटायर पॉलिटिकल साइंस” पढ़ने के लिए बाध्य हैं — एक बार फिर पीएम की डिग्री पर तंज।
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100 करोड़ की फ्लाइंग रैली:
“बिहार जैसे गरीब राज्य में पीएम की चंद घंटे की रैली पर ₹100 करोड़ खर्च कर दिया गया है।”
तेजस्वी का कहना है कि “यह पैसा बिहार के स्कूल, अस्पताल और किसान के काम आ सकता था, मगर इसमें मोदी जी की दिलचस्पी नहीं।”
नीतीश जी पर रहस्य बरकरार:
तेजस्वी ने यह भी कहा कि मोदी जी यह स्पष्ट नहीं करेंगे कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार NDA के मुख्यमंत्री होंगे या नहीं — “यह नाटकीय सस्पेंस बना रहेगा, जैसे सीरियल का अगला एपिसोड।”
तेजस्वी यादव के आरोपों पर कुछ तथ्य:
1. मोतिहारी चीनी मिल वादा (2013):
2013 में तत्कालीन पीएम उम्मीदवार मोदी ने मोतिहारी में वादा किया था कि “चीनी मिल जल्द चालू करवा दूँगा”, लेकिन अब तक वह वादा अधूरा है। मिल अब तक चालू नहीं हुई।
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2. अपराध दर (2024–25):
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में बलात्कार, हत्या और लूट की घटनाओं में 2024 में वृद्धि दर्ज हुई है। इसके बावजूद केंद्र या राज्य सरकारें बार-बार विपक्षी दलों पर ठीकरा फोड़ती रही हैं।
3. 100 करोड़ खर्च अनुमान:
रैलियों में सुरक्षा, पंडाल, प्रचार, ट्रैफिक व्यवस्था आदि पर सरकारी बजट से भारी राशि खर्च होती है। विपक्ष इसे आम जनता के पैसे की बर्बादी मानता है।
4. नीतीश कुमार को लेकर असमंजस:
पीएम या बीजेपी के किसी बड़े नेता ने अब तक सार्वजनिक मंच से यह नहीं कहा कि “नीतीश जी मुख्यमंत्री चेहरा होंगे” — जिससे अटकलें तेज हैं।
तेजस्वी यादव ने मोदी जी के दौरे को “चुनावी ड्रामा” बताते हुए, बिहार की जमीनी समस्याओं की बजाय जुमलों और पुराने रिकार्ड बजाने की रणनीति करार दिया।
अब देखना ये है कि क्या इस व्यंग्यात्मक हमला किसी गंभीर बहस को जन्म देगा या टेलीप्रॉम्पटर के आगे यह भी दबा दिया जाएगा।