बिहार में दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की आहट के बीच चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है। एक तरफ पूरा विपक्ष भारतीय चुनाव आयोग पर “वोट चोरी” का आरोप लगाकर जिलों में पदयात्रा निकाल रहा है, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग अपने नियम-कायदों के दायरे में रहकर चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है।
इसी कड़ी में आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी पटना डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने समाहरणालय से 14 मोबाइल डिमॉन्स्ट्रेशन वैन (एमडीवी) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों के 2,982 पोलिंग स्टेशन लोकेशन पर पहुंचकर मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपैट के प्रयोग की जानकारी देंगे।
बिहार निर्वाचन आयोग ने जारी की मतदाता सूची से विलोपित नाम
जिलाधिकारी ने बताया कि इन वाहनों के माध्यम से मतदाताओं को ईवीएम-वीवीपैट का मॉक वोट डालने का अवसर मिलेगा, ताकि मतदान प्रक्रिया को लेकर किसी भी प्रकार का संकोच न रहे। प्रशिक्षित पदाधिकारियों, पुलिस बल एवं मास्टर ट्रेनर्स की तैनाती इन वाहनों के साथ की गई है। साथ ही वाहनों पर प्रचार-प्रसार सामग्री भी लगाई गई है। सुरक्षा कारणों से इनका प्रदर्शन केवल मतदान केन्द्र भवनों और इलेक्टोरल लिटरेसी क्लबों में होगा, भीड़-भाड़ वाले बाजारों में नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और चुनाव आयोग की सक्रियता
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को बिहार की मतदाता सूची से 65 लाख नामों के विलोपन की विस्तृत सूची सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। आयोग ने तत्परता दिखाते हुए जिला और प्रखंड स्तर पर हटाए गए नामों की सूची अपनी वेबसाइट पर जारी कर दी है। इससे विपक्ष के आरोपों के बीच चुनाव आयोग की सक्रियता और पारदर्शिता का संदेश देने की कोशिश साफ़ दिख रही है।
चुनाव आयोग ने कहा – शुद्ध मतदाता सूची से मजबूत होगी लोकतंत्र की नींव
मतदाताओं को भ्रमित होने से बचाने की पहल
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इन मोबाइल डिमॉन्स्ट्रेशन वैन का उद्देश्य मतदाताओं को ईवीएम-वीवीपैट की तकनीक से परिचित कराना है ताकि मतदान के दिन किसी प्रकार का भ्रम या द्विध्रुव की स्थिति न बने। उन्होंने कहा कि “जागरूक मतदाता हमारे समृद्ध लोकतंत्र की रीढ़ हैं। उच्च मतदान प्रतिशत चुनाव को नया आयाम देगा।”
शहरी क्षेत्रों के लिए ई-रिक्शा अभियान
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने चार ई-रिक्शा को भी हरी झंडी दिखाई, जो दीघा, कुम्हरार, बांकीपुर और पटना साहिब विधानसभा क्षेत्रों में विशेष पुनरीक्षण अभियान से जुड़ी जागरूकता फैलाएँगे।
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विपक्ष बनाम आयोग – दो धाराओं में बिहार की राजनीति
बिहार की राजनीति इस समय दो धाराओं में बंटी हुई दिख रही है। विपक्ष जहां मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम काटे जाने और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए सड़क पर है, वहीं चुनाव आयोग अपने तकनीकी और विधिक दायरे में रहकर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है।
मतदाता अब देख रहे हैं कि दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में किस पक्ष की रणनीति असरदार साबित होती है – विपक्ष का आक्रोश या आयोग की पारदर्शिता।