पटना, 22 अगस्त 2025
जिला पदाधिकारी पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास प्रबंधन-सह-अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान), जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा मनोनीत सदस्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि पटना जिले में दो नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास संचालित हैं, जिनमें कुल 216 छात्र आवासित हैं। इनमें से 110 छात्र अशोक राजपथ स्थित टी.के. घोष अकादमी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में और 106 छात्र शहीद राजेन्द्र प्रसाद सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय (पटना हाई स्कूल), गर्दनीबाग परिसर में रह रहे हैं।
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डीएम के निर्देश
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि—
1. सिविल सर्जन हर माह छात्रावासों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएँ।
2. जिला शिक्षा पदाधिकारी छात्रावास संचालन समिति की नियमित बैठक सुनिश्चित करें, सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखें, सीसीटीवी एवं अग्निशमन यंत्र उपलब्ध हों और उपस्थिति की प्रक्रिया का सख्ती से पालन हो।
3. बच्चों की पढ़ाई और पाठ्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
4. उप विकास आयुक्त की देखरेख में हर 15 दिन पर वरीय उप समाहर्ता स्तर के अधिकारियों से छात्रावासों का निरीक्षण कराया जाए।
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लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई
बैठक से अनुपस्थित रहने पर डीएम ने विद्यालय अवर निरीक्षक, बाँकीपुर एवं गर्दनीबाग पर कड़ी आपत्ति दर्ज की और उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया। दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। डीएम ने चेतावनी दी कि जवाब असंतोषजनक होने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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वंचित बच्चों के लिए महत्वपूर्ण योजना
डीएम ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास वंचित और कठिन परिस्थितियों में जीवनयापन करने वाले बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण परिकल्पना है। इसमें प्रवेश पाने के पात्र बच्चे हैं—
अनाथ और अभिभावकविहीन बच्चे,
भीख माँगने वाले, प्लेटफ़ॉर्म/बस पड़ाव पर रहने वाले व कूड़ा चुनने वाले बच्चे,
ट्रांसजेंडर समुदाय व देह व्यापार से जुड़े परिवारों के बच्चे,
घुमंतु परिवार, पलायन करने वाले माता-पिता के बच्चे,
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के बच्चे,
दिव्यांग (40% या उससे अधिक) बच्चे,
बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चे।
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि इन छात्रावासों के माध्यम से ऐसे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है, जो अब तक विद्यालय से दूर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि छात्रावास संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और सभी अधिकारी सजग, तत्पर और प्रतिबद्ध रहकर काम करें।