राजधानी पटना और उसके आसपास के क्षेत्रों में आज हुई झमाझम बारिश ने लोगों को पिछले तीन-चार दिनों से परेशान कर रही उमस भरी गर्मी से बड़ी राहत दी। तापमान में गिरावट के साथ मौसम सुहावना हो गया, लेकिन भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे आवागमन में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
दानापुर, खगौल, अनीसाबाद, गर्दनीबाग और अशोक राजपथ जैसे इलाकों में तेज बारिश के चलते सड़कें पानी में डूब गईं। सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में दानापुर का स्टेशन रोड और सगुना मोड़ से लेकर मिठापुर तक का क्षेत्र रहा, जहां जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण पानी घंटों जमा रहा।
पटना नगर निगम की पहल
पटना नगर निगम द्वारा बारिश से पहले जलजमाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर सफाई और ड्रेनेज कार्य को अंजाम दिया गया था। निगम की टीमें आज भी कई जलजमाव वाले स्थानों पर तैनात रहीं और पानी निकासी के लिए मोटर पंप लगाकर पानी निकासी का प्रयास जारी रहे। निगम के अनुसार, नालों की सफाई कार्य मॉनसून की शुरुआत से पहले किया गया था, लेकिन अचानक हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर व्यवस्था गड़बड़ हुई हैं।
सड़क हादसों में वृद्धि
बारिश के दौरान एक गंभीर समस्या सामने आई – सड़कों के किनारे के गड्ढे। पटना और दानापुर के कई इलाकों में सड़कें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हैं और बारिश के पानी में ये गड्ढे नजर नहीं आते, जिससे दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा बढ़ गया है।
आज दिनभर में ऐसी कई घटनाएं देखी गईं, जहां गड्ढों में वाहन फिसलने या फंसने से चोटिल होने की सूचनाएं सामने आईं। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम से सड़क मरम्मत की मांग दोहराई है।
स्थानीय निवासी कहते हैं कि बारिश ने जहां राहत दी, वहीं नगर निगम की तैयारी की पोल भी खोल दी। “हर साल यही होता है, नालों की सफाई की खबरें तो आती हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नज़र नहीं आता,” – एक दुकानदार ने कहा।
आज की बारिश ने मौसम को तो खुशनुमा बना दिया, लेकिन पटना की बुनियादी शहरी संरचना की कमजोरियों को फिर से उजागर कर दिया। जलजमाव, सड़क गड्ढे और प्रशासनिक उदासीनता जैसे मुद्दे फिर चर्चा में हैं। उम्मीद है कि नगर निगम और जिला प्रशासन इस बार सतर्क होकर स्थायी समाधान की दिशा में काम करेगा।