पटना। चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड में पटना पुलिस की ओर से पहली बार बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। गांधी मैदान थाने के प्रभारी (एसएचओ) राजेश कुमार को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्तिकेय शर्मा की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
वहीं, इस निलंबन की पुष्टि खुद पटना रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) जितेंद्र राणा ने की है। बताया जा रहा है कि एसएसपी ने अपनी आंतरिक समीक्षा के दौरान पाया कि थानेदार राजेश कुमार ने गोपाल खेमका हत्याकांड में कई अहम बिंदुओं पर लापरवाही बरती थी, जिससे केस की दिशा प्रभावित हो रही थी। इसके बाद उन्होंने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की।
इतना ही नहीं, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस मामले में चार अन्य पुलिसकर्मियों से भी स्पष्टीकरण मांगा है, जिससे यह साफ होता है कि पुलिस प्रशासन अब इस संवेदनशील मामले में गंभीरता से कदम उठा रहा है।
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हत्या की साजिश और जमीन विवाद के तार
उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या की जांच कर रही एसआईटी और एसटीएफ की टीमों ने मुख्य साजिशकर्ता अशोक साव और शूटर उमेश यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। हालांकि अब तक कई महत्वपूर्ण जानकारियों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गोपाल खेमका और अशोक साव दोनों जमीन कारोबार से जुड़े थे और दनियावां व फतुहा की करोड़ों की जमीन को लेकर उनके बीच तीखा विवाद था।
जांच में यह भी सामने आया है कि अशोक साव विवादित जमीनों में जानबूझकर निवेश करवाता था और जब मामला उलझता, तो अपराधियों के माध्यम से उसका समाधान निकालने की कोशिश करता था। इस तरह के जमीनी विवाद में ही पूर्व में गोपाल खेमका के पुत्र गुंजन खेमका की भी हत्या हो चुकी है।
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फिलहाल पुलिस यह मान रही है कि पिता-पुत्र की हत्या की कड़ी जमीन विवाद से जुड़ी है, लेकिन तात्कालिक घटना किस जमीन को लेकर हुई, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है।