पटना, 01 सितंबर 2025: आयुक्त, पटना प्रमंडल डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में जेपी गंगा पथ के किनारे असर्वेक्षित भूमि पर अतिक्रमण हटाने और स्वामित्व की जाँच को लेकर समीक्षात्मक बैठक हुई। आयुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सार्वजनिक भूमि पर किसी व्यक्ति विशेष का दावा मान्य नहीं है और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुरूप अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रभावी ढंग से की जाए।
आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा नदी के किनारे असर्वेक्षित भूमि और फ्लड प्लेन एरिया में किसी भी प्रकार की निर्माण गतिविधि निषिद्ध है। दीघा से कंगन घाट तक लगभग 216 स्थानों पर पूर्व में पाए गए अतिक्रमण में से अधिकांश को हटा दिया गया है। दीघा रोटरी गोलंबर से कलेक्टोरेट घाट तक स्थायी अतिक्रमण लगभग पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
डॉ. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शेष अस्थायी अतिक्रमण को भी हटाया जाए और भविष्य में कोई नया अतिक्रमण न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए फॉलो-अप टीम लगातार सक्रिय रहे। दोषियों के विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त ने कहा कि यह क्षेत्र जनहित के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। जेपी गंगा पथ परियोजना से लोगों को बेहतर सुविधाएँ मिल रही हैं और राज्य सरकार द्वारा विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी कार्य लगातार किए जा रहे हैं। हाल ही में माननीय मुख्यमंत्री ने दीघा से गांधी मैदान तक ‘जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान परियोजना (फेज-1)’ और विचरण पथ (Promenade) के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया है। इसके साथ ही पटना के पूर्वी भाग में पुराने पथ का चौड़ीकरण एवं निर्माण कार्य भी शुरू किया गया है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर शहरवासियों को हरित क्षेत्र, बेहतर जन-सुविधाएँ और ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी।
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर; अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था एवं नगर व्यवस्था); अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।