बिहार की सत्ता में भले ही भाजपा नेतृत्व जनता दल यूनाइटेड के साथ सहयोग कर नीतीश कुमार को राज्य में मुख्यमंत्री बनने के लिए सहमति देता रहा है लेकिन अन्दर ही अन्दर भाजपा भी बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री बनाने के लिए भरसक प्रयास करता रहा है और आवश्यक संख्या बल नहीं होने के कारण भाजपाइयों की मंशा पर पानी फिरता रहा है।
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और इसी रणनीति के तहत भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ चुनाव में तो उतरने की तैयारी में हैं लेकिन उन्हें ऐसा कोई वादा नहीं करती दिख रही जिससे चुनाव बाद आए परिणामों से उसे अपना पाला बदलने में दिक्कत हो।
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राज्य में 6 महीने बाद ही चुनाव है और यहां के लगभग सभी दलों ने अपने-अपने स्तर पर चुनाव में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है इसी के साथ यहां अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भी बयान बाजी जोरदार ढंग से हो रही है।
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हफ्ते भर पूर्व ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र प्रशांत कुमार ने राज्य के जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में 100 से अधिक सीट जितवाने के लिए प्रयास करने का आवाहन किया था। उनके अनुसार उनके पिता नीतीश कुमार राज्य का नेतृत्व करने के लिए अभी भी पूरी तरह से सक्षम है।
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इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफदारी करते हुए उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात रखी और अभी 2 दिन पूर्व बिहार से केंद्र सरकार में मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने “हम” पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात रखी।
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लेकिन राज्य की सत्ता में सहयोगी दलों के द्वारा मुख्यमंत्री पद पर नीतीश कुमार को बिठाये जाने की बयान बाजी को भाजपा नेताओं ने जोर का झटका दिया है. दो दिन पूर्व शुक्रवार (28 फरवरी) को भाजपा नेता प्रेम कुमार से पूछा गया कि आपकी पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला संसदीय बोर्ड तय करेगा इस पर उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश अध्यक्ष का बयान आया है कि तो मैं मानता हूं कि सही है.
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भाजपा नेता प्रेम कुमार के अनुसार हम गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे यह पार्टी ने तय कर दिया है. आगे चुनाव के बाद रिजल्ट जब आएगा तो निश्चित तौर पर विधायकों की सहमति से आने वाले समय में पार्टी तय करेगी और एनडीए के लोग तय करेंगे कि कौन मुख्यमंत्री होगा.
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ऐसे में यह साफ हो गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा राज्य में बहुमत की संख्या छूने के लिए आवश्यक विधायक को जीताने का भरपूर प्रयास करेगी और इस प्रयास में भाजपा श्रेष्ठ नेतृत्व को यह लगता है की बिहार की जनता भी उनके साथ देगी।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार राज्य की जनता बिहार में भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा ही मुख्यमंत्री चाहती है। जो राज्य को नई दिशा दे और यह तभी संभव है जब भाजपा अकेले दम पर राज्य में बहुमत की संख्या छू ले।