पटना
राजधानी पटना पुलिस ने अटल पथ पर बड़े पैमाने पर उपद्रव की साजिश को समय रहते विफल कर दिया। इस मामले में मास्टरमाइंड वार्ड पार्षद और एक वकील समेत 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि सड़क पर भीड़ जुटाने और हंगामा कराने के लिए प्रति व्यक्ति ढाई-ढाई हजार रुपये बांटे गए थे।
साजिश का खुलासा
जानकारी के अनुसार, दीघा इलाके में भाई-बहन की मौत के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने पीड़ित परिवार के नाम का इस्तेमाल कर सड़क जाम और उपद्रव कराने की योजना बनाई। वार्ड पार्षद ने वकील को दो लाख रुपये दिए, जिसके जरिए भीड़ जुटाई गई। प्रत्येक व्यक्ति को हंगामा करने के लिए 2500 रुपये देने का सौदा हुआ।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। पहले 15 लोगों को हिरासत में लिया गया और उसके बाद लगातार छापेमारी कर कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में महिलाएं भी शामिल हैं।
सड़क जाम की प्रवृत्ति पर सख्त रुख
एसएसपी ने कहा कि पटना में किसी भी सड़क दुर्घटना या मांग को लेकर योजना बनाकर सड़क जाम करना आम प्रवृत्ति बन चुकी है। इस तरह की घटनाएं न केवल आम जनता के जीवन को प्रभावित करती हैं बल्कि शहर की व्यवस्था भी चरमराती है। इसलिए इस बार की कार्रवाई असामाजिक तत्वों के लिए एक कड़ा सबक साबित होगी।
पीड़ित परिवार की आड़
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक परिवार को इस साजिश की जानकारी तक नहीं थी। उनकी पीड़ा और नाम का इस्तेमाल केवल राजनीतिक लाभ और माहौल बिगाड़ने के लिए किया गया।
सख्त संदेश
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने स्पष्ट कहा कि राजधानी पटना में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।