राजधानी पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। ईमेल के माध्यम से मिली इस धमकी में हवाई अड्डे पर विस्फोटक लगाए जाने का दावा किया गया था। धमकी मिलते ही CISF और स्थानीय पुलिस ने एयरपोर्ट परिसर में सघन तलाशी अभियान चलाया और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
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क्या हुआ और किसने दी धमकी?
धमकी ईमेल के ज़रिए भेजी गई, जिसमें कहा गया कि “पटना एयरपोर्ट पर बम लगाया गया है, जो जल्द ही ब्लास्ट करेगा।”
मेल प्राप्त होते ही बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड, CISF, NDRF सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियाँ हरकत में आ गईं।
सघन तलाशी के बाद फिलहाल कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, लेकिन जांच जारी है।
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बिहार में पहले भी मिल चुकी हैं ऐसी धमकियाँ
यह पहली बार नहीं है जब पटना या बिहार में इस तरह की बम धमकी मिली हो। नीचे कुछ प्रमुख उदाहरण:
तारीख स्थान परिणाम
मार्च 2024 पटना रेलवे स्टेशन बम की सूचना फर्जी निकली, यात्री परेशान
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जून 2023 मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर धमकी कॉल के बाद कोर्ट परिसर खाली कराया गया, कोई विस्फोटक नहीं मिला
फरवरी 2022 पटना सचिवालय मेल से मिली धमकी, SPG और बम स्क्वॉड तैनात हुए, मामला फर्जी साबित
इन सभी मामलों में एक बात समान रही — धमकी झूठी थी, लेकिन उससे उत्पन्न अफरा-तफरी और संसाधनों की बर्बादी असली थी।
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क्या कानून पर्याप्त है? क्यों नहीं रुकती फर्जी धमकियाँ?
अभी की व्यवस्था के अनुसार, IPC की विभिन्न धाराओं के तहत फर्जी धमकी देने वाले पर मामला दर्ज होता है — लेकिन सजा सीमित है।
अक्सर आरोपी को पकड़ लिया जाता है, लेकिन उसे मानसिक रूप से अस्थिर, नाबालिग, या मज़ाक करने वाला बताकर सख्त सजा नहीं दी जाती।
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“फर्जी बम धमकी देना कोई मज़ाक नहीं, यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।”
अब जरूरी है सख्त कानून
फर्जी बम धमकी देने वाले को आतंकी कानूनों के दायरे में लाया जाए
न्यूनतम 5-10 साल की सजा और भारी आर्थिक दंड का प्रावधान हो
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बार-बार फर्जी धमकी देने वालों को ब्लैकलिस्ट और उनकी डिजिटल निगरानी की जाए
सामाजिक प्रभाव: अव्यवस्था, डर और संसाधनों की बर्बादी
एक झूठी धमकी से सैकड़ों यात्रियों की उड़ानें प्रभावित होती हैं
सुरक्षाकर्मियों का समय और संसाधन असली खतरों से हटकर फालतू छानबीन में लग जाता है
नागरिकों में भय और अविश्वास का माहौल बनता है, जो प्रशासन पर दबाव बढ़ाता है
सरकार को अब सतर्क और सख्त होना होगा
पटना जैसे संवेदनशील और घनी आबादी वाले शहर में इस तरह की घटनाएं न केवल प्रशासनिक विफलता का डर पैदा करती हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि अब महज जांच और नजरअंदाजी काफी नहीं — कानून में बदलाव और सख्ती ही एकमात्र समाधान है।
अगली बार कोई व्यक्ति ऐसी फर्जी धमकी देने से पहले 1000 बार सोचे — यही होना चाहिए सरकार की नीति।
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पटना एयरपोर्ट पर बम की धमकी से उठे सवाल यह संकेत देते हैं कि फर्जी धमकियाँ अब शरारत या मज़ाक नहीं रहीं — यह राष्ट्र और आम जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ है। अब वक्त है कि देश और राज्य मिलकर ऐसी घटनाओं के विरुद्ध कड़ा, तेज़ और डर पैदा करने वाला कानून बनाए ताकि समाज में यह स्पष्ट संदेश जाए: झूठी धमकी एक जघन्य अपराध है, और इसकी कीमत भारी होगी।