बिहार में चुनावी सियासत अब मतदाता सूची पर गरमाने लगी है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज एक तीखी प्रेस वार्ता कर चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के 22 जुलाई को जारी प्रेस विज्ञप्ति को “लोकतंत्र की सफाई नहीं, बल्कि विपक्षी वोटरों की सुनियोजित सफाई” करार दिया।
तेजस्वी यादव ने यह प्रेस वक्तव्य अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से साझा करते हुए कहा कि आयोग का यह कथित पुनरीक्षण अभियान राजनीतिक मंशा से प्रेरित और जनमत को प्रभावित करने की साजिश है।
तेजस्वी यादव के पांच सवाल
प्रश्न 1: 18,66,869 मृत मतदाताओं के नाम कैसे हटे?
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि जब 25 जनवरी 2025 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी, तब ये 18 लाख से अधिक मृत मतदाता कहां थे?
क्या चुनाव आयोग तब सो रहा था?
अब अचानक चुनाव के पहले, बिना किसी भौतिक सत्यापन (BLO द्वारा घर जाकर जांच किए बिना), इन सभी को मृत घोषित कर सूची से बाहर कर दिया गया – यह कैसे स्वीकार्य है?
“क्या 25 जनवरी से 24 जून के बीच ही इतने लोग मर गए? क्या यह विश्वास करने लायक है या एक मनगढ़ंत आंकड़ा है?” — तेजस्वी यादव
प्रश्न 2: 26 लाख मतदाता दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में कैसे स्थानांतरित हो गए?
तेजस्वी ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि इतने बड़े पैमाने पर स्थानांतरण क्या संभव है?
आयोग का दावा है कि 26 लाख 1 हजार मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं।
विपक्ष का आरोप है कि यह एक मनमाना दावा है, जिसके जरिए वोटिंग पैटर्न के आधार पर खास वर्ग के मतदाताओं को सूची से हटाया जा रहा है।
“क्या चार महीने में 26 लाख लोग वाकई अपना पता बदलते हैं? ये आंकड़ा ही षड्यंत्र का सबूत है।”
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प्रश्न 3: 7 लाख मतदाता दो स्थानों पर नामांकित – क्या प्रक्रिया पारदर्शी थी?
तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि क्या हर कथित डुप्लीकेट मतदाता को नोटिस दिया गया?
क्या उनकी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया ली गई?
या केवल डेटा एनालिटिक्स के आधार पर उनका नाम हटा दिया गया?
उन्होंने इस प्रक्रिया को पारदर्शिता से रहित और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया।
प्रश्न 4: 6.62% मतदाता पते पर अनुपस्थित – BLO कब पहुंचे थे?
विपक्ष का कहना है कि करीब 52 लाख मतदाताओं को “घर पर अनुपस्थित” बताकर सूची से हटाया जा रहा है।
तेजस्वी यादव का आरोप है कि BLO (Booth Level Officer) ने कई घरों पर दौरा ही नहीं किया, फिर भी अनुपस्थित मान लिया गया।
“ये सूची से नाम हटाने की BJP की चाल है, ताकि दलित, अल्पसंख्यक, गरीब और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं को चुनाव में हिस्सा लेने से रोका जा सके।”
प्रश्न 5: भाजपा के 52,946 पंजीकृत बीएलए ने क्या कभी विदेशी नागरिकों की सूचना दी?
तेजस्वी ने कहा कि यदि भाजपा के पास इतनी बड़ी संख्या में BLA हैं, तो विदेशी या अपात्र नागरिकों की पहचान उन्होंने क्यों नहीं की?
क्या उनका काम सिर्फ विपक्षी मतदाताओं के नाम चिन्हित कर हटवाना है?प्रश्न 6: क्या चुनाव आयोग ने बताया कि विलोपित मतदाताओं में विदेशी कितने हैं?
तेजस्वी यादव ने यह भी पूछा कि जिन 52.66 लाख मतदाताओं को हटाया जा रहा है, उनमें से कितने विदेशी या अपात्र नागरिक हैं – क्या इसकी जानकारी सार्वजनिक की गई।