पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने आज अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अभियान में किसी भी तरह की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने में यदि अधिकारियों की इच्छा-शक्ति की कमी पाई गई तो उन पर विभागीय एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
समन्वय की कमी पर नाराज़गी
डीएम ने बैठक में कहा कि अभियान के दौरान विभागों के बीच समन्वय का अभाव देखा जा रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने नगर विकास, पुलिस, यातायात, जिला प्रशासन, विद्युत और पथ निर्माण विभाग के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था) को इस संबंध में समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई।
पुनः अतिक्रमण करने वालों पर एफआईआर अनिवार्य
जिलाधिकारी ने कहा कि जो लोग दोबारा अतिक्रमण करते हैं, उनकी सूची बनाकर प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक केवल 3 एफआईआर दर्ज होना यह दर्शाता है कि कार्रवाई ढंग से नहीं हो रही है। डीएम ने निर्देश दिया कि केवल खानापूर्ति नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई, सामानों की जप्ती और आर्थिक दंड भी लगाया जाए ताकि अतिक्रमणकारी दोबारा साहस न कर सकें।
पुलिस और फोर्स की भूमिका
डीएम ने इस पर भी नाराज़गी जताई कि कई बार अभियान के दौरान समय पर फोर्स नहीं पहुँचती। उन्होंने कहा कि यह स्थिति खेदजनक है और यदि आगे भी ऐसा हुआ तो संबंधित थानाध्यक्षों पर कार्रवाई करते हुए उनका निलंबन तक किया जा सकता है।
आम जनता की परेशानी पर चिंता
जिलाधिकारी ने कहा कि अतिक्रमण की वजह से जनता को रोज़ाना यातायात और परिवहन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नेहरू पथ, जेपी गंगापथ, हवाई अड्डा रोड, अशोक राजपथ, दीघा-आशियाना रोड जैसी सड़कें शहर की लाइफलाइन हैं लेकिन अतिक्रमण के कारण यहां जाम और असुविधा आम हो गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन सभी सड़कों के साथ-साथ चितकोहरा, चिरैयाटांड़, रेलवे स्टेशन, आशियाना-दीघा, रूपसपुर नहर, दीघा बाजार, पटना सिटी और सभी अस्पताल क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए।
स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण दोनों पर कार्रवाई
डीएम ने स्पष्ट किया कि अस्थायी अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए, जबकि स्थायी अतिक्रमण के मामलों में विधिवत प्रक्रिया अपनाकर तय समयसीमा के भीतर कार्रवाई पूरी की जाए। उन्होंने कहा कि अभियान केवल कागज़ पर नहीं बल्कि जनता की नज़र में भी दिखाई देना चाहिए, तभी लोगों का प्रशासन पर विश्वास मजबूत होगा।
बैठक में पुलिस अधीक्षक (यातायात), अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था), नगर दंडाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, नगर कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।