पटना नगर निगम ने मानसून 2025 के दौरान संभावित जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। निगम द्वारा 56 स्थायी और 35 अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों (डीपीएस) के माध्यम से जलनिकासी की व्यवस्था की गई है। कुल 364 पंपों को सर्विसिंग कर पूरी तरह से सक्रिय रखा गया है, जिनमें 265 विद्युत चालित और 99 डीजल सेट शामिल हैं।
गौरतलब है कि गंगा का जलस्तर 49.70 मीटर तक पहुंचने के बाद दीघा नहर के स्लुइस गेट को बंद कर दिया गया है। पुनपुन नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण खानपुर और बरमुत्ता के स्लुइस गेट भी बंद किए गए हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में अस्थायी डीपीएस के जरिए पंपों की मदद से जल निकासी की जा रही है।
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प्रमुख अस्थायी डीपीएस और पंपों की व्यवस्था:
दीघा नहर: 16 ट्रॉली माउंटेड पंप
खानपुर: 8 ट्रॉली माउंटेड पंप
बरमुत्ता: 8 ट्रॉली माउंटेड पंप
पटना से दानापुर तक जिन स्थानों पर स्थायी डीपीएस नहीं हैं, वहां अस्थायी डीपीएस के माध्यम से वैकल्पिक पंपिंग की व्यवस्था की गई है। ये ट्रॉली माउंटेड पंप पहले से अधिष्ठापित किए जा चुके हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत जलनिकासी शुरू की जा सके।
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अंचलवार डीपीएस और पंपों की संख्या:
1. अजीमाबाद: 7 डीपीएस, 33 पंप (30 विद्युत, 3 डीजल)
2. कंकड़बाग: 7 डीपीएस, 46 पंप (41 विद्युत, 6 डीजल)
3. बांकीपुर: 7 डीपीएस, 35 पंप (29 विद्युत, 6 डीजल)
4. पाटलिपुत्र: 9 डीपीएस, 36 पंप (29 विद्युत, 7 डीजल)
5. नूतन राजधानी: 26 डीपीएस, 105 पंप (95 विद्युत, 10 डीजल)
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नगर निगम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी पंपों के संचालन के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन स्थानीय स्तर पर स्टोर किए जाएं ताकि भारी बारिश की स्थिति में जलनिकासी कार्य में कोई बाधा न आए।
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पटना नगर निगम की यह तैयारी मानसून के दौरान शहर को जलजमाव से बचाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। निगम द्वारा किए गए प्रबंधन से यह संकेत मिलता है कि इस बार जलनिकासी को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।