Wednesday, September 3, 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पटना डीएम ने 21 कोषांगों की समीक्षा की, निष्पक्ष एवं भयमुक्त चुनाव कराने का संकल्प

पटना, 03 सितम्बर।

आसन्न बिहार विधानसभा आम निर्वाचन-2025 को लेकर पटना जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने बुधवार को चुनावी तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान 21 कोषांगों के कार्यों की अद्यतन प्रगति पर विस्तार से चर्चा की गई। डीएम ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें तथा कार्य में निष्पक्षता केवल बरती ही न जाए बल्कि जनता के बीच यह परिलक्षित भी हो।

35 हजार से अधिक कार्मिकों की तैनाती, बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण

बैठक में डीएम ने बताया कि जिले के 14 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 5,665 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जो 2,982 मतदान केन्द्र अवस्थितियों (पोलिंग स्टेशन लोकेशन) पर स्थित होंगे। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, चुनाव संचालन हेतु लगभग 35 हजार कार्मिकों की आवश्यकता होगी। इसके लिए 40 हजार से अधिक का डेटाबेस तैयार कर लिया गया है।

इन सभी को 646 मास्टर ट्रेनर चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित करेंगे। डीएम ने कहा कि प्रशिक्षण का प्रथम चरण शुरू हो चुका है, जिसमें 40-45 हजार पदाधिकारियों व कर्मियों को शामिल किया जाएगा। अब तक 1,126 सेक्टर पदाधिकारियों और सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता होगी सुनिश्चित

डीएम ने कहा कि सभी मतदान केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय, रैम्प, विद्युत, शेड, साइनेज और फर्नीचर जैसी न्यूनतम आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इसका अनुश्रवण उप विकास आयुक्त, पटना करेंगे। साथ ही प्रत्येक बूथ पर पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी-1, 2 एवं 3, माइक्रो ऑब्जर्वर और रिजर्व स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।

ईवीएम-वीवीपैट और वज्रगृह सुरक्षा

पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों के लिए ईवीएम कमिशनिंग-सह-डिस्पैच सेंटर और पोल्ड ईवीएम संग्रहण केन्द्र बनाए जाएंगे। इनके लिए सुरक्षा मानकों के अनुरूप वज्रगृह (स्ट्रॉन्ग रूम) का निर्माण किया जाएगा। भवन निर्माण विभाग और संबंधित निर्वाची पदाधिकारी को शीघ्र प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया है।

विधि-व्यवस्था और अपराधियों पर कड़ी निगरानी

जिलाधिकारी ने अपराधियों और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि:

शस्त्र सत्यापन की अवधि 15 सितम्बर तक बढ़ाई गई है।

सभी थानों में कैम्प कोर्ट लगाकर शस्त्रों का सत्यापन किया जाएगा।

असामाजिक तत्वों पर निरोधात्मक कार्रवाई, सीसीए-3 एवं सीसीए-12 के तहत सख्त कदम उठाए जाएँ।

शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, नकदी या वस्तु वितरण व बाहुबल प्रयोग जैसे प्रलोभन के प्रयासों पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी। लगभग 20 प्रवर्तन एजेंसियाँ (Enforcement Agencies) लगातार पैसों के लेन-देन पर नजर रखेंगी।

मिशन 60 अभियान से बढ़ेगा मतदान प्रतिशत

बैठक में जिलाधिकारी ने विशेष रूप से “मिशन 60 अभियान” पर जोर दिया। इसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के उन 60 मतदान केन्द्रों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जहाँ पूर्व में मतदान प्रतिशत न्यूनतम रहा है।

लक्ष्य यह है कि इन केन्द्रों पर मतदान प्रतिशत को 66% तक पहुँचाया जाए। साथ ही, पूरे जिले का औसत मतदान प्रतिशत भी राष्ट्रीय औसत 66% तक लाने का प्रयास होगा।

डीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति उदासीनता अच्छी स्थिति नहीं है। इसे बदलने के लिए स्वीप गतिविधियों के तहत गाँव-गाँव और वार्ड-वार्ड में अभियान चलाए जाएँगे।

सभी मतदाताओं के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था

जिलाधिकारी ने कहा कि मतदान केन्द्रों पर 18-19 वर्ष के नये मतदाता, महिला मतदाता, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधा की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन का उद्देश्य है कि मतदान दिवस सुगम, सहज, सुरक्षित और समावेशी अनुभव बने।

निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव पर जिलाधिकारी का जोर

डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि:

सभी कार्य पारदर्शिता व निष्पक्षता के साथ हों।

मतदाताओं को किसी भी प्रकार का भय या प्रलोभन न हो।

प्रत्येक अधिकारी चुनाव परिणाम घोषित होने तक भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण और अनुशासन में कार्य करेगा।

सभी कोषांग आपसी समन्वय स्थापित कर चुनाव कार्यों को सफल बनाएँ।

जिलाधिकारी की अपील

बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी मतदाताओं से अपील की कि वे बिना किसी भय या प्रलोभन के लोकतंत्र के इस उत्सव में सक्रिय भागीदारी करें।

उन्होंने कहा—

भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त वयस्क मताधिकार का सुसूचित, नैतिक एवं प्रलोभन-मुक्त तरीके से प्रयोग कर हम अपने समृद्ध लोकतंत्र को एक नया आयाम दे सकते हैं।”

 इस प्रकार पटना जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल में सम्पन्न कराना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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