बिष्णु नारायण चौबे
पटना जिले में दरधा और फल्गु नदियों के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने संबंधित अधिकारियों के साथ आपातकालीन समीक्षा बैठक की। बैठक समाहरणालय कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित हुई, जिसमें संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर रणनीति बनाई गई।
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उदेरा बराज से छोड़ा गया रिकॉर्ड स्तर का पानी
अधीक्षण अभियंता, बाढ़ प्रमंडल पटना ने बताया कि उदेरा बराज से दिनांक 16 जुलाई को 115308 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। इसके कारण फतुहा, दनियावां, धनरूआ और खुसरूपुर अंचलों के प्रभावित होने की संभावना जताई गई है। हालांकि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
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जिलाधिकारी के निर्देश – राहत सामग्री व संसाधनों की तैयारियां तेज
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कार्यपालक अभियंताओं को निर्देशित किया कि बाढ़ से निपटने हेतु:
ईसी बैग व अन्य बाढ़-रोधी सामग्री का पूर्व भंडारण सुनिश्चित करें
तटबंधों और बांधों पर लगातार निरीक्षण और मरम्मत कार्य जारी रखें
अंचलों में नाव, ट्रैक्टर, ट्रॉली, जेनरेटर, मजदूर, पॉलीथिन शीट, लाइट और लाइफ जैकेट की पर्याप्त व्यवस्था करें।
धोवा नदी से खतरा – 7 पंचायतों में निगरानी बढ़ी
धोवा नदी के जलस्तर में वृद्धि से फतुहा अंचल के तीन गाँव (श्रीपतपुर, कोल्हर, मोइनउद्दीनपुर) और दनियावां अंचल के चार पंचायतों (कशमिरिया, सलारपुर, सिगरियावाँ, बांकीपुर मछरियावां) में खेतों में पानी भरने की स्थिति बनी।
इन क्षेत्रों में बांधों की मरम्मत पूरी कर ली गई है और स्थानीय अभियंता व प्रशासनिक अधिकारी सतत निगरानी में हैं।
राशन पैकेट व वितरण की व्यवस्था
जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) को निर्देशित किया है कि:
जिला स्तर पर सूखा राशन पैकेट तैयार किए जाएं
जरूरत के अनुसार प्रभावित अंचलों के बीच वितरण कराया जाए।
दरधा नदी पर विशेष ध्यान
दरधा नदी के जलस्तर में भी अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी, धनरूआ के अंचलाधिकारी और कार्यपालक अभियंता को मौके पर भेजा गया है। लगातार निरीक्षण और रिपोर्टिंग जारी है।
प्रशासन सतर्क, मानक प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई जारी
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार राहत व बचाव कार्य प्राथमिकता से किए जाएंगे।