Saturday, September 13, 2025
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पटना डीएम ने किया स्मार्ट सिटी के ICCC सेंटर का निरीक्षण, ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था के डिजिटल निगरानी तंत्र की सराहना

पटना, 28 जुलाई 2025

पटना जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने सोमवार को पटना स्मार्ट सिटी भवन स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सेंटर में संचालित विभिन्न अत्याधुनिक प्रणालियों की जानकारी ली और इनके संचालन की समीक्षा की।

पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि यह सेंटर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत संचालित हो रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य शहर की नागरिक सुविधाओं, सुरक्षा और आपात स्थिति की निगरानी व नियंत्रण है। सेंटर के माध्यम से ट्रैफिक व्यवस्था, सीसीटीवी मॉनिटरिंग, सार्वजनिक उद्घोषणा, जल-निकासी पंप नियंत्रण आदि को एकीकृत रूप से संचालित किया जा रहा है।

सीसीटीवी से सुरक्षा और ट्रैफिक पर पैनी नजर

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सेंटर में लगे सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) सिस्टम, ट्रैफिक मैनेजमेंट और पंपिंग स्टेशन ऑटोमेशन प्रणाली का गहन अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि ICCC से प्राप्त रियल-टाइम डेटा की मदद से जल स्तर, मोटर की स्थिति और पंपिंग क्षमता की निगरानी की जाती है, जिससे तत्काल निर्णय लेने में मदद मिलती है।

डीएम ने बताया कि वर्तमान में पटना शहर में लगभग 415 स्थानों पर कुल 3,300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें 2,602 सामान्य सर्विलांस कैमरे, 473 रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (RLVD) कैमरे, 150 ANPR कैमरे, 12 स्पीड वायलेशन डिटेक्शन कैमरे तथा 120 व्हीकल डिटेक्शन एवं क्लासिफिकेशन (VDC) कैमरे शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 69 स्थानों पर पब्लिक एड्रेसल सिस्टम से नियमित घोषणाएं की जा रही हैं।

चेक पोस्ट और नई तकनीक के सहारे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट

जिलाधिकारी ने बताया कि शहर में ट्रैफिक और कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए 1 अगस्त 2025 तक 50 चिन्हित स्थानों पर नए ANPR कैमरों का अधिष्ठापन किया जा रहा है। साथ ही, 27 प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर फाइबर से निर्मित चेक पोस्ट के निर्माण कार्य को भी तेज़ी से पूरा किया जा रहा है।

तकनीक से पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन की दिशा में कदम

निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने ICCC की व्यवस्थाओं की सराहना की और अधिकारियों को इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “इस तरह की तकनीक-आधारित प्रणाली शहरी प्रशासन को पारदर्शी, उत्तरदायी और अधिक कुशल बनाती है, जिससे नागरिकों को त्वरित सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।”

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