बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर से निकले नन्हें सितारे वैभव सूर्यवंशी ने इंग्लैंड की धरती पर भारत अंडर‑19 टीम के लिए अपने प्रदर्शन से न सिर्फ मैच जीता, बल्कि दिल भी जीत लिए। 14 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर ऐसा करिश्मा कर दिखाया है, जो बड़े-बड़े खिलाड़ियों के लिए भी सपना होता है।
चे़ल्म्सफोर्ड में इंग्लैंड U19 के खिलाफ दूसरी युवा टेस्ट में वैभव का जलवा
भारत अंडर‑19 टीम इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां दूसरे यूथ टेस्ट मैच में बिहार के बेटे वैभव सूर्यवंशी ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने केवल 44 गेंदों में 56 रनों की विस्फोटक पारी खेली और भारत को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया। उनकी बल्लेबाज़ी ने न सिर्फ टीम को बढ़त दिलाई, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि वह आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट का एक मज़बूत स्तंभ बनने जा रहे हैं।
बल्लेबाज़ी ही नहीं, गेंदबाज़ी में भी रिकॉर्ड
पहले टेस्ट में वैभव ने इंग्लैंड के कप्तान हमज़ा शेख का विकेट लेकर नया कीर्तिमान रच दिया — वह भारत के लिए सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए (14 वर्ष 107 दिन में)। इससे पहले उन्होंने वनडे सीरीज़ में भी जबरदस्त बल्लेबाज़ी कर 355 रन बनाए और एक पारी में 52 गेंदों पर शतक जड़कर रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया।
आईपीएल 2025 में भी छोड़ी छाप
राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए वैभव ने T20 फॉर्मेट में भी तहलका मचाया। एक मुकाबले में उन्होंने मात्र 35 गेंदों में शतक बनाकर युवा भारतीय खिलाड़ियों में सबसे तेज़ T20 सेंचुरी का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
बिहार से लॉर्ड्स तक: वैभव की यात्रा प्रेरणादायक
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर, समस्तीपुर में हुआ। प्रारंभिक कोचिंग उन्होंने अपने माता-पिता की देखरेख में शुरू की और फिर कम उम्र में ही स्थानीय क्रिकेट अकादमी में दाखिला लेकर राष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय किया। आज वही बच्चा लॉर्ड्स के मैदान पर दिग्गजों के साथ खड़ा है — जसप्रीत बुमराह, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के साथ।
भारत के लिए भविष्य का सितारा
वैभव सूर्यवंशी की प्रतिभा को देखकर क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि वह भविष्य में भारत के लिए टेस्ट, वनडे और T20 तीनों फॉर्मेट में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी की आक्रामकता, गेंदबाज़ी की चपलता और मैदान पर आत्मविश्वास उन्हें एक संपूर्ण क्रिकेटर बनाते हैं।
बिहार को जिस क्रिकेटिंग सुपरस्टार की तलाश थी, शायद वह अब मिल गया है — वैभव सूर्यवंशी। इंग्लैंड दौरे में उनका प्रदर्शन बताता है कि यह केवल शुरुआत है, और आगे चलकर यह नाम भारतीय क्रिकेट में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।