सीवान, बिहार — जुलाई 2025
बिहार के सीवान ज़िले में एक बार फिर कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ज़िले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र स्थित मलमलिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जहां तीन लोगों की सरेआम तलवार से काट कर हत्या कर दी गई। घटना के पीछे अवैध शराब कारोबार के खिलाफ मुखबिरी करना एक मुख्य कारण बताया जा रहा है। इस वीभत्स त्रिकालिक हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
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मुखबिरी की सज़ा मिली मौत से?
स्थानीय सूत्रों और पुलिस सूत्रों के अनुसार, मारे गए तीनों लोग पुलिस को अवैध शराब के नेटवर्क की जानकारी देने में सक्रिय थे। इससे नाराज़ शराब माफियाओं ने योजना बनाकर इनकी बेरहमी से हत्या कर दी। हत्यारों ने तलवारों से काटकर तीनों को सरेआम मौत के घाट उतारा, जिससे यह मामला आम आपराधिक हत्याओं से कहीं अधिक भयावह हो गया।
दोनों पक्ष भूमिहार — फिर भी जातिगत ध्रुवीकरण की कोशिश?
दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में दोनों पक्ष भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं, इसके बावजूद कुछ राजनीतिक और जातिगत संगठनों द्वारा घटना को जातिगत रंग देने की कोशिश भी हो रही है। यह घटना केवल आपराधिक नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी चुनौती दे रही है।
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पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस पहले से इस तनाव और खतरों से वाकिफ थी, फिर भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। अब घटना के बाद पुलिस का सक्रिय होना एक “बाद में दिखावा” के रूप में देखा जा रहा है।
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प्रशासनिक मौन और राजनीतिक चुप्पी
घटना के कई घंटे बाद तक कोई भी बड़ा प्रशासनिक अधिकारी या स्थानीय विधायक घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। यह प्रशासनिक और राजनीतिक “संवेदनहीनता” लोगों में भारी रोष पैदा कर रही है।