Sunday, June 30, 2024
Homeटैकनोलजीचंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला और चंद्रमा पर पहुंचने...

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला और चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बना भारत अपने लक्ष्य पर,पूरे देश में खुशी की लहर

भारत ने अंतरिक्ष में आज सफलता का एक और झंडा गाड़ दिया।भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान 3 ने आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर  शाम छह बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के सतह को छुआ। इस सफलता के साथ ही भारत चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा और दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला प्रथम देश बन गया है।इसके पहले अमेरिका,रूस और चीन यह उपलब्धि हासिल कर चुका है।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला  प्रथम देश बना भारत

14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान 3 का प्रक्षेपण किया था जो ऑर्बिट का चक्कर लगाता हुआ आज बुधवार को सायं 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की।इस पूरे घटनाक्रम पर इसरो के वैज्ञानिक सहित पूरा देश टकटकी लगाए बैठा था।

 चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बना भारत अपने लक्ष्य पर,पूरे देश में खुशी की लहर

इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया की लैंडर मॉड्यूल ने बिल्कुल योजनाबद्ध तरीके से लैंडिंग की ,भारत की यह सफलता ऐतिहासिक है लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से लैस चंद्रयान ने जैसे ही चंद्रमा की सतह को चूमा तो वैज्ञानिकों के साथ साथ पूरा देश खुशी से झूम उठा।

चार वर्ष पहले भी भारत ने चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण किया था उसे सफलता नहीं मिल सकी थी।इसरो के वैज्ञानिक उस समय से लगातार काम कर रहे थे और चंद्रयान 2 की असफलता में आई खामियों को सुधारने पर कार्य कर रहे थे।उनकी मेहनत काम आई और आज सफलतापूर्वक लैंडिंग होने पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है।

 

राष्ट्रीय सूचना एजेंसियों को इसरो से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह कहा जा रहा है की मून मिशन चंद्रयान 3 ने चंद्रमा की सतह से 30 किलोमीटर दूर से “पावर ब्रेकिंग फेज” में कदम रखता है जहां से गति को धीरे धीरे कम करके  आगे बढ़ता है और थ्रस्टर इंजन की रेट्रो फायरिंग कर उसका इस्तेमाल शुरू कर देता है।ऐसा चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बचने के लिए किया जाता है ताकि वो सतह से टकरा कर क्रैश न हो जाए।

यह भी पढ़े

अन्य खबरे