Saturday, October 5, 2024
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प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा का मुजफ्फरपुर की सीमा में प्रवेश ,हुआ भव्य स्वागत

प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा का मुजफ्फरपुर की सीमा में प्रवेश ,हुआ भव्य स्वागत

न्यूज लहर डेस्क: प्रशांत किशोर की जनसुराज पदयात्रा समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर जिले में प्रवेश कर गई।जिले की सीमा पर प्रशांत किशोर एवम जन सुराज पदयात्रियों का गाजे बाजे के साथ भव्य स्वागत हुआ।स्वागत के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे और पदयात्रा के रास्ते में ग्रामीण महिलाओं,युवतियों और बच्चों ने सड़क किनारे खड़े होकर उनका स्वागत किया।

जनसुराज पदयात्रा का मुजफ्फरपुर की जनता ने खुले दिल से स्वागत किया जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने पैदल चलकर उनका साथ दिया। जन सुराज पदयात्रा  एक गांव से दूसरे और दूसरे से तीसरे गांव तक अनवरत चलती रही।तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार बीच के गांव में जन संवाद भी आयोजित हुए।

एक बड़ी जन संवाद को संबोधित करते हुए प्रधान किशोर ने कहा की बेरोजगारी और पलायन की समस्या सबसे बड़ी है।उन्होंने चर्चा में बताया की अभी तक की पदयात्रा में उन्होंने सैंकड़ों गांवों का भ्रमण किया है।उन्होंने कहा की अधिकांश गांवों से युवा नदारद हैं वे या तो पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में पलायन को मजबूर हो गए हैं।उन्होंने यह भी कहा की आम अवधारणा है कि सिर्फ गरीब के बच्चे या मजदूरी करने वाले लोग ही पलायन करते हैं जबकि स्थिति यह है की मध्यम वर्गीय परिवार खासकर किसानों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा या रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हैं। गांवों में ज्यादातर महिलाएं,बच्चे और वृद्ध लोग ही रह रहे हैं। प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि पलायन की वजह से संयुक्त परिवार ही नहीं बल्कि परिवार की अवधारणा ही खत्म हो गई है।

 

उन्होंने हजारों की संख्या में जुटी महिलाओं,पुरुषों और युवाओं को संबोधित करते हुए इन समस्यायों के असली कारण गिनाए।उन्होंने जनसमूह से अपील की अभी तक आपने नेताओं के चेहरे और चुनाव चिन्ह को वोट दिया है अगले चुनाव में आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए उनके चेहरे को देखकर वोट करिए।

उन्होंने कहा की इस बार हम बिहार की जनता का हाथ पकड़े हैं। जिस तरह पिछले दस वर्षों में उन्होंने कई राजनीतिक दलों का हाथ पकड़ कर उनकी चुनावी नैया पार करवाई उसी प्रकार हम आम बिहारियों को भी चुनाव लड़वाएंगे और पूरे तन मन धन से उनको जिताने का काम करेंगे।

उनके साथ अब बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं पदयात्रा का दायरा बढ़ता जा रहा है।उनके चुनावी प्रबंधन के अनुभव,समर्पित टीम और जनता का जो सहयोग मिल रहा है वो बिहार की राजनीति में एक निर्णायक बदलाव का संकेत जरूर दे रही

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