Thursday, November 21, 2024
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नेताजी सुभाष बोस के पोते चंद्र बोस ने भाजपा छोड़ी,पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका

पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका,नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने छोड़ दी भाजपा

न्यूज लहर डेस्क:: 2024 में पश्चिम बंगाल से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य बना चुकी भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है।पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष रहे एवं लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव लड़ चुके चंद्र बोस ने भाजपा छोड़ दी है।

बोस ने भाजपा छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि वह वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा जैसे दल के साथ काम नहीं कर सकते और क्योंकि भाजपा द्वारा की जा रही ध्रुवीकरण, वोट-बैंक की राजनीति और विभाजनकारी राजनीति ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की संभावनाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

चंद्र बोस के भाजपा से इस्तीफे के बाद पश्चिम बंगाल  भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चंद्र बोस के भाजपा छोड़ने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पढ़ने वाला। भाजपा प्रवक्ता ने कहा की चंद्र बोस पिछले काफी समय से राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले रहे थे सो उनके जाने से भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बताते चलें की नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार वाले नेताजी द्वारा स्थापित फॉरवर्ड ब्लॉक से जुड़े रहे हैं,उनके परिवार के सदस्यों का राजनीतिक दल से पुराना संबंध रहा है।उनके परिवार के सदस्य का किसी दल से  जुड़ना पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवियों के बीच सकारात्मक संदेश देता है।

कांग्रेस से अलग होने के बाद नेताजी ने1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की, उसने पश्चिम बंगाल में उनकी विरासत को आगे बढ़ाया । उनके बड़े भाई और स्वतंत्रता सेनानी शरत चंद्र बोस ने आज़ादी के बाद नेताजी की विरासत को आगे बढ़ाया। शरत चंद्र बोस के बेटे अमिय नाथ बोस आरामबाग से (1967- 71) में फॉरवर्ड ब्लॉक के सांसद (1967-71) थे। वहीं उनके दूसरे बेटे सुब्रत बोस श्यामपुकुर(2001- 04) से विधायक फिर बाद में बारासात से फॉरवर्ड ब्लॉक के सांसद (2004-09) चुने गए थे।

नेताजी के तीसरे बेटे सिसिर कुमार बोस मध्य कोलकाता के चौरंगी निर्वाचन क्षेत्र से (1982- 87) में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे।1996 में सिसिर कुमार बोस की पत्नी कृष्णा बोस जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की सांसद बनीं जब ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बनाई, तो कृष्णा भी इसमें शामिल हो गईं। वह 1998 से 2004 तक इसी निर्वाचन क्षेत्र से वह टीएमसी सांसद रहीं । उनके बाद उनके बेटे  हार्वर्ड के प्रोफेसर सुगाता बोस 2014 से 2019 तक जादवपुर से टीएमसी सांसद चुने गए थे। इस तरह नेताजी के पोते सुगाता बोस को भी पार्टी में शामिल करके टीएमसी ने 2011 में पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने के बाद बोस की विरासत का फायदा लेना जारी रखा।

एक तरफ भाजपा के प्रवक्ता चंद्र बोस को निष्क्रिय बताते हुए कोई फर्क नहीं पड़ने की बात कह रहे हैं पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने व्यंगात्मक लहजे में कहा

हम चंद्रयान 3 की बात कर रहे हैं चंद्र बोस की नहीं

दूसरी तरफ भाजपा के कद्दावर नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया की पश्चिम बंगाल के बुद्धिजीवियों के बीच नेताजी और उनके परिजनों के प्रति आस्था है और चंद्र बोस का भाजपा छोड़ना निश्चित तौर पर आगामी लोकसभा चुनावों में असर दिखाएगा।

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