पटना समेत पूरे गंगा बेसिन क्षेत्र में अगले 2 से 3 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग और केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर कुछ स्थानों पर सामान्य से ऊँचा है, हालांकि फिलहाल यह खतरे के निशान से 1–2 मीटर नीचे है। प्रशासन ने इस स्थिति को लेकर सतर्कता बरतने और बाढ़-पूर्व तैयारियों को सक्रिय रखने के निर्देश जारी किए हैं।
जलस्तर की स्थिति:
गंगा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने की सूचना है, विशेषकर गांधी घाट, राजेन्द्र घाट, गुलबी घाट, दानापुर, फतुहा, मनेर, और दीघा क्षेत्रों में।
खतरे का निशान: पटना में गंगा का चेतावनी स्तर लगभग 48.60 मीटर है। वर्तमान में यह 47.20 से 47.50 मीटर के बीच मापा गया है।
सावधानी की आवश्यकता: क्योंकि ऊपरी इलाकों में वर्षा अधिक हो रही है, इसलिए जलप्रवाह में अचानक वृद्धि की संभावना बनी हुई है।
प्रशासनिक तैयारी:
पटना जिला प्रशासन ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
1. राहत केंद्र और नावों की व्यवस्था: नीची बस्तियों में रहने वालों के लिए राहत शिविर चिन्हित किए गए हैं।
नावों को तैनात किया गया है (विशेषकर दानापुर, फतुहा, दीघा क्षेत्रों में)।
मोबाइल किचन और प्राथमिक चिकित्सा टीमों को तैयार रहने को कहा गया है।
2. सतर्कता टीमों की गश्ती: तटवर्ती इलाकों में राजस्व, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय किया गया है।
3. जल जमाव नियंत्रण: नगर निगम द्वारा ड्रेनेज सफाई और मोटर पंप की व्यवस्था भी तेज़ की गई है।
संवेदनशील क्षेत्र:
दानापुर नदी किनारे की नीची बस्तियां बाढ़ से प्रभावित हो सकती हैं
फतुहा गंगा और पुनपुन के संगम क्षेत्र में जल भराव
दीघा-सोन घाटी जलस्तर बढ़ने पर आवागमन बाधित हो सकता है
नासरीगंज, बिहटा, मनेर तटवर्ती गाँवों में पानी का रिसाव संभव
प्रशासन का संदेश:
जिला अधिकारी (पटना) डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने कहा:
“स्थिति नियंत्रण में है लेकिन गंगा का बढ़ता जलस्तर भविष्य में खतरा बन सकता है। सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है और नागरिकों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें, और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।”
नागरिकों के लिए सुझाव:
गंगा किनारे अतिक्रमण न करें।
प्रशासन की चेतावनियों और नियंत्रण कक्ष नंबरों पर नज़र रखें।
बिजली के खंभों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।
आपातकालीन स्थिति में 112 या 0612-2219810 (आपदा नियंत्रण कक्ष, पटना) पर संपर्क करें।
भले ही वर्तमान स्थिति नियंत्रण में हो, लेकिन गंगा के जलस्तर में संभावित बढ़ोतरी और मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए, पटना प्रशासन ने अलर्ट मोड में आकर समन्वित तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। अब नागरिक सहयोग और सूझ-बूझ से ही इस संभावित आपदा का सामना सफलतापूर्वक किया जा सकता है।