Saturday, September 13, 2025
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बेगूसराय में 6–8 घंटे की बिजली कटौती से आमजन बेहाल, चुनाव से पहले सरकार पर बढ़ा जनाक्रोश

अजय कुमार

बिहार की औद्योगिक और आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले बेगूसराय में लगातार 6 से 8 घंटे की बिजली कटौती ने आमजन का जीना दूभर कर दिया है। सितंबर माह में भीषण उमस और गर्मी के बीच बाधित विद्युत आपूर्ति ने लोगों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर दिया है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बिजली जैसी बुनियादी सुविधा, जो हर दिन और हर घंटे आवश्यक है, उसमें लगातार कटौती से हालात असहनीय हो गए हैं। दोपहर और आधी रात—यानी नागरिकों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत के समय—बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है। इनवर्टर लगाने वाले परिवार भी परेशान हैं, क्योंकि लगातार कई घंटे बिजली जाने से वे भी काम नहीं कर पाते।

शिकायतों पर लीपा-पोती

विद्युत विभाग के स्थानीय कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने वाले उपभोक्ताओं का आरोप है कि फोन तक नहीं उठाया जाता। यदि कभी उठ भी गया तो सिर्फ घिसा-पिटा जवाब मिलता है—“फीडर में खराबी है, जल्द सुधार हो जाएगा।” महीनों से जारी इस स्थिति ने उपभोक्ताओं का भरोसा पूरी तरह तोड़ दिया है।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सरकार रोज़ नए-नए लोकलुभावन ऐलान कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए लोग पूछ रहे हैं—“जब बुनियादी ज़रूरत पूरी नहीं हो रही, तो वादों का क्या मतलब?”

बेगूसराय से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह की चुप्पी भी स्थानीय नागरिकों के आक्रोश को बढ़ा रही है। लोगों का कहना है कि सांसद और विधायक दोनों इस गंभीर समस्या पर न तो कोई दबाव बना रहे हैं, न ही आवाज़ उठा रहे हैं।

जनता का मूड और चुनावी असर

स्थानीय लोगों में गहरी नाराज़गी है। नागरिकों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही, तो चुनाव में सत्ता पक्ष को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है। बिहार के “औद्योगिक हृदय” कहे जाने वाले बेगूसराय जैसे महत्वपूर्ण जिले में बिजली संकट से उत्पन्न असंतोष राज्य की सियासत में बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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