बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा तोहफ़ा दिया है। अब राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 1 अगस्त 2025 से हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। इससे राज्य के करीब 1.67 करोड़ परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
क्या है योजना का दायरा?
125 यूनिट/महीना तक फ्री बिजली:
यदि कोई उपभोक्ता महीने में 125 यूनिट तक बिजली उपयोग करता है, तो उसका बिल शून्य होगा।
126 से अधिक यूनिट होने पर:
यदि उपभोग 125 यूनिट से अधिक होता है, तो पूरी खपत पर शुल्क लगेगा, न कि केवल अतिरिक्त हिस्से पर।
ग्रामीण और शहरी – दोनों को लाभ:
यह योजना सभी घरेलू श्रेणी (Domestic Category) के उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी — चाहे वे ग्रामीण क्षेत्र से हों या शहरी।
किसे होगा सबसे अधिक लाभ?
छोटे परिवार, किरायेदार, निम्न आय वर्ग और BPL कार्डधारी उपभोक्ताओं को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।
राज्य के 1.67 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 1.25 करोड़ से अधिक परिवारों की मासिक खपत 125 यूनिट से कम है, जो सीधे लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री का बयान
“बिजली उपभोक्ताओं को राहत देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम राज्य को आत्मनिर्भर और जनता को सशक्त बनाना चाहते हैं। यह योजना उसी दिशा में एक और कदम है।”
— नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
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वित्तीय भार और प्रबंधन
राज्य सरकार इस योजना पर हर साल 4500–5000 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगा रही है।
यह राशि बिजली कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी ताकि उपभोक्ताओं से भुगतान न लिया जाए।
इससे पहले बिहार में 50 यूनिट तक की कुछ राहत मिलती थी, लेकिन पहली बार पूरे 125 यूनिट तक पूरी तरह मुफ़्त किया जा रहा है।
राजनैतिक मायने और विपक्ष
यह घोषणा चुनाव से ठीक पहले आई है, जिससे इसके राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं।
विपक्ष का आरोप: “यह मतदाताओं को लुभाने की रणनीति है, जो केवल चुनावी स्टंट है।”
सरकार का जवाब: “हमने अपने पिछले कार्यकाल में भी बिजली सुधार किए, अब जनता को उसका लाभ दिया जा रहा है।”
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अतिरिक्त लाभ / बदलाव की संभावना
प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा।
बकायेदारों को योजना में शामिल करने के लिए सरकार द्वारा अलग से नियम बनाए जा सकते हैं।
सरकार बाद में योजना की यूनिट सीमा बढ़ा भी सकती है, अगर राजस्व स्थिति और बजट अनुमति दे।
बिहार में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को फ्री बिजली देने की घोषणा हुई है। इससे जनता को महंगाई से राहत मिलेगी और बिजली के नियमित उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस योजना के कार्यान्वयन को कितना पारदर्शी और प्रभावी बना पाती है।