Sunday, July 27, 2025
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बिहार: मतदाता पुनरीक्षण अभियान, “एक तरफ विपक्ष का विरोध, दूसरी तरफ प्रशासन की सजगता

पटना, 9 जुलाई —
एक तरफ जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेता बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान को राजनीतिक साजिश बताकर सड़कों पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राज्य का प्रशासनिक तंत्र पूरी मुस्तैदी और पारदर्शिता के साथ इस अभियान को बिना रुके गति दे रहा है।

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आज बुधवार को ही में विपक्षी दलों द्वारा आयोजित “चक्का जाम” आंदोलन और जनसभाओं में यह आरोप लगाया गया कि मतदाता सूची में जानबूझकर बदलाव किए जा रहे हैं जिससे जनादेश को प्रभावित किया जा सके। राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को “लोकतंत्र पर हमला” बताया, वहीं तेजस्वी यादव ने इसे “बहिष्करण की साजिश” करार देते हुए राज्यव्यापी विरोध का एलान किया।

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लेकिन जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल अलग तस्वीर पेश करती है।
राज्य के हर जिले में प्रशासनिक स्तर पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर उल्लेखनीय सक्रियता और पारदर्शिता देखी जा रही है। हाल ही में पटना के जिलाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने पालीगंज अनुमंडल कार्यालय का दौरा कर 190-पालीगंज और 191-बिक्रम विधानसभा क्षेत्रों में चल रहे अभियान की समीक्षा की।

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निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को गणना प्रपत्र जमा करने की प्रक्रिया तेज करने, तथा अभियान को सहभागितापूर्ण एवं पारदर्शी ढंग से संचालित करने का निर्देश दिया।

प्रशासन द्वारा मतदाताओं को घर बैठे आवेदन करने की सुविधा दी जा रही है —

voters.eci.gov.in

वोटर हेल्पलाइन ऐप (VHA)

ECINet App के माध्यम से

और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 पर संपर्क किया जा सकता है।

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हर जिले में बीएलओ की टीम घर-घर जाकर गणना प्रपत्र बांट रही है, लोगों को नाम जोड़ने, हटाने, या सुधार करने के लिए प्रेरित कर रही है। प्रशासनिक निगरानी से लेकर तकनीकी सहायता तक — पूरी प्रणाली को मतदाता के हित में सशक्त और सुलभ बनाया गया है।

इससे स्पष्ट है कि जहां एक ओर विपक्ष इस अभियान को लेकर आशंकाएँ जता रहा है, वहीं बिहार का प्रशासन हर मतदाता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध है।

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यह स्थिति बिहार की राजनीतिक चेतना और प्रशासनिक पारदर्शिता का दिलचस्प संतुलन प्रस्तुत करती है — जहां एक ओर सड़कों पर नारे हैं, वहीं दूसरी ओर कार्यालयों में दस्तावेज़ों की जाँच और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फॉर्मों की समीक्षा हो रही है।

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