Sunday, July 27, 2025
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साइबर अपराध पर बिहार पुलिस का बड़ा एक्शन: 79 हज़ार से अधिक मामलों में ₹90 करोड़ से ज्यादा फ्रीज, 145 गिरफ्तार

पटना | 25 जुलाई 2025
बिहार में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर अब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राज्य की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने तकनीकी सशक्तिकरण और 24×7 निगरानी व्यवस्था के साथ साइबर ठगी के खिलाफ अभियान ‘ऑपरेशन साइबर प्रहार’ को अंजाम देते हुए उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

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79,000 से अधिक साइबर फ्रॉड की शिकायतें

बिहार पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 79,240 वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों की शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनसे संबंधित कुल ₹468.57 करोड़ की ठगी की सूचना मिली है। इनमें से ₹90.66 करोड़ की राशि को फ्रीज किया गया है जबकि ₹5.74 करोड़ पीड़ितों को वापस किए गए हैं।

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ऑपरेशन ‘साइबर प्रहार’ के तहत गिरफ्तारी

राज्यभर में चलाए गए ऑपरेशन साइबर प्रहार के अंतर्गत अब तक 145 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इस विशेष अभियान में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई, साइबर सेल, और स्थानीय थानों की समन्वित कार्रवाई शामिल रही।

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हेल्पलाइन पर 15 लाख से अधिक कॉल

बिहार पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 1930 पर अब तक 15.62 लाख कॉल्स प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें अधिकतर बैंक फ्रॉड, यूपीआई धोखाधड़ी, सोशल मीडिया हैकिंग, और फेक लिंक के ज़रिए ठगी जैसे मामले शामिल हैं।

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मोबाइल चोरी और सोशल मीडिया निगरानी

11,028 चोरी हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट दर्ज हुई, जिनमें से बड़ी संख्या में IMEI नंबर ब्लॉक किए गए।

38,472 ऑनलाइन फ्रॉड शिकायतों का निपटारा किया गया।

366 संदिग्ध सोशल मीडिया पोस्ट और फर्जी प्रोफाइलों के खिलाफ कार्रवाई हुई।

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तकनीकी प्रशिक्षण और संसाधनों में बढ़ोतरी

बिहार पुलिस ने अपने अधिकारियों को साइबर फॉरेंसिक, डेटा ट्रेसिंग, बैंकिंग फ्रॉड ट्रैकिंग, और AI-बेस्ड ट्रैकिंग सिस्टम की ट्रेनिंग दी है। इसके अलावा साइबर थाना नेटवर्क को भी ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक विस्तारित किया जा रहा है।

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पुलिस का संदेश

EOU के शीर्ष अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि “किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या भुगतान से पहले 1930 पर सूचना दें और सतर्क रहें।” उन्होंने कहा कि साइबर अपराध केवल तकनीकी चुनौती नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता की भी परीक्षा है।

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बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन की यह पहल न केवल डिजिटल फ्रॉड की रोकथाम में सहायक है, बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान के भरोसे को बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी है। आधुनिक तकनीक और तेज़ कार्रवाई के जरिए अपराधियों को यह संदेश दिया गया है कि साइबर अपराध अब आसान नहीं रहेगा।

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