Sunday, July 27, 2025
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पटना में लगेगा ट्रैफिक पर हाईटेक शिकंजा — 50 स्थानों पर ANPR कैमरे और 27 एंट्री प्वाइंट्स पर चेक पोस्ट

 

1 अगस्त तकशहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु, सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पटना के जिलाधिकारी डॉ. एस. एम. त्यागराजन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहरी क्षेत्र में ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों की स्थापना तथा प्रवेश बिंदुओं पर फाइबर निर्मित चेक पोस्ट के निर्माण सहित विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई।

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बैठक में यह निर्णय लिया गया कि:

1 अगस्त 2025 तकबी 50 चिन्हित स्थानों पर अत्याधुनिक ANPR कैमरे लगाए जाएंगे।

27 एंट्री प्वाइंट्स पर फाइबर-निर्मित चेक पोस्ट बनाए जाएंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह कदम यातायात प्रबंधन, अपराध नियंत्रण, और विधि-व्यवस्था संधारण की दिशा में एक बड़ी पहल है।
इन कैमरों के माध्यम से:

संदिग्ध वाहनों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग,

चोरी/फरार वाहनों की स्वचालित पहचान,

और ट्रैफिक उल्लंघनों पर सीधी कार्रवाई संभव हो सकेगी।

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कौन-कौन हैं जुड़े?

इस योजना की निगरानी और क्रियान्वयन में निम्नलिखित विभागों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की गई है:

DM कार्यालय, पटना

पुलिस अधीक्षक, ट्रैफिक व Patna Police

गृह विभाग, बिहार सरकार

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बिहार सरकार

CMO बिहार, Divisional Commissioner Office, Patna

PIB in Bihar एवं Ministry of Information & Broadcasting, Govt. of India

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क्या है ANPR कैमरा?

ANPR (Automatic Number Plate Recognition) एक अत्याधुनिक तकनीक है जो वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर डेटा स्टोर और विश्लेषण करती है।

यह सिस्टम गाड़ियों की स्पीड ट्रैकिंग,

लोकेशन हिस्ट्री, और

विवादित घटनाओं की जांच में मददगार साबित होता है।

पटना क्यों है फोकस में?

पटना एक तेजी से बढ़ता मेट्रो शहर है, जहाँ:

ट्रैफिक दबाव तेज़ी से बढ़ रहा है,

VIP मूवमेंट लगातार होता है,

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और सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर संवेदनशीलता बढ़ रही है।
इसी को ध्यान में रखते हुए यह टेक-आधारित समाधान लागू किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित समय-सीमा (1 अगस्त) में सभी कार्य पूरे किए जाएं। साथ ही, उन्होंने संबंधित एजेंसियों को 24×7 निगरानी तंत्र, डेटा संग्रहण और विश्लेषण सॉफ्टवेयर की स्थापना, और समन्वय टीम के गठन का भी सुझाव दिया।

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