मॉनसून की तेज बारिश से खेत, नाले और जलाशय भर चुके हैं, जिससे जहरीले सांपों का प्राकृतिक आवास प्रभावित हो रहा है। इसके चलते कई सांप घरों तक आ रहे हैं और लोगों में भय व्याप्त है। ऐसे हालात के बीच वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 300 से अधिक सांपों को सुरक्षित जगहों पर रेस्क्यू किया है ।
कौन-कौन सी जगहें बनीं रातोंरात सेंध?
सबसे अधिक सांप गंगातट के समीप के मोहल्लों–बरारी, आदमपुर, मायागंज, बूढ़ानाथ, किलाघाट और टीएमबीयू क्षेत्र में देखे गए। शहरी इलाकों जैसे अलीगंज, लोदीपुर, लालूचक, हवाई अड्डा, सबौर और नाथनगर में भी सांपों का प्रवेश अभियान जारी रहा ।
प्रजातियों की प्रचुरता
वन विभाग की टीम ने कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, धामन, और अन्य जहरीली प्रजातियों के साथ-साथ मॉनिटर लिजार्ड जैसे गैर-जहरीले सांप भी रेस्क्यू किए हैं ।
वन विभाग की कार्रवाई
रेस्क्यू टीम: अभय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में मोहम्मद मुमताज़, अरशद और राहुल सक्रिय हैं।
रेस्क्यू की प्रक्रिया:
घरों में पाए गए सांपों को तुरंत पकड़ा जाता है।
सुरक्षित जंगलों या दूरस्थ नदियों के किनारे रिहा किया जाता है ।
रेस्क्यू की संख्या: जून से 15 जुलाई तक करीब 100 सांप निकालने के बाद, जुलाई के मध्य में कुल संख्या बढ़कर 300 से पार हो गई ।
जागरूकता और सावधानी
1533-0वन विभाग ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने और ये घरेलू उपाय अपनाने की सलाह दी है:
घर के आसपास सफाई रखें, झाड़ियों और कबाड़ हटाएं
खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं
लहसुन, प्याज, नीम, फिटकरी जैसे नेचुरल उपाय अपनाएं
दीवारों और नींव की दरारें बंद करें
तत्काल सांप दिखने पर वन विभाग को सूचित करें
सर्पदंश की रोकथाम और इलाज
यदि कोई सांप से डसा जाए, तो झाड़‑फूंक जैसे घरेलू इलाज के बजाय 1 घंटे के भीतर नजदीकी अस्पताल — जैसे सदर अस्पताल या मायागंज प्रखंड अस्पताल — पहुंचना चाहिए। भरोसेमंद इलाज और एंटी-वेनम महत्वपूर्ण हैं ।
भागलपुर में बारिश के मौसम में जहरीले सांपों का घरों में प्रवेश चिंता का विषय है, लेकिन वन विभाग की सक्रियता और जन-जागरूकता की वजह से 300 से अधिक सांप जीवित बचाए जा सके हैं। भविष्य में लोगों की सतर्कता, सफाई और वन विभाग की तत्परता इसी तरह बनी रहे, यही कामना है।