पटना नगर निगम (PMC) ने शहर को स्वच्छ और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए 15 दिवसीय “स्वच्छता पखवाड़ा” की शुरुआत की है। इस विशेष अभियान की कमान नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के नेतृत्व में चल रही है, जिसमें 500 से अधिक टीमें शहर के विभिन्न हिस्सों में सफाई, निगरानी और जन-जागरूकता से जुड़ी गतिविधियाँ कर रही हैं।
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658 ‘गैर्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स’ की पहचान और सफाई
नगर निगम ने शहर के 75 वार्डों में फैले 658 ऐसे स्थलों की पहचान की है जहां नियमित रूप से कचरा जमा होता है। इन स्थलों की सफाई, सैनिटाइजेशन और कचरा निष्पादन की निगरानी विशेष रूप से की जा रही है। प्रत्येक वार्ड के नोडल अधिकारी को सफाई की तस्वीर और प्रगति रिपोर्ट हर दिन साझा करनी है।
जुर्माना और निगरानी — ₹500 से ₹5,000 तक की सजा
जो लोग सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकते हैं, सड़क पर नाली का पानी छोड़ते हैं या निर्माण सामग्री से रास्ता अवरुद्ध करते हैं, उन पर ₹500 से ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत 20 से अधिक चालान पहले ही काटे जा चुके हैं।
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‘सड़क शत्रु’ की पहचान और सार्वजनिक नामकरण
नगर निगम ने स्वच्छता नियमों का लगातार उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को चिन्हित कर उन्हें ‘सड़क शत्रु’ की उपाधि दी है। इन्हें सरकारी होर्डिंग्स, सोशल मीडिया व सार्वजनिक दीवारों पर उजागर किया जा रहा है ताकि समाज में अनुशासन का संदेश जाए।
डेंगू एवं वेक्टर जनित रोगों के प्रति जागरूकता अभियान
बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए भी यह अभियान एक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान बन गया है। 500+ टीमों द्वारा:
घर-घर जाकर जांच की जा रही है कि कहीं पानी जमा तो नहीं है।
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गंभीर इलाकों में फॉगिंग व स्प्रे किया जा रहा है।
लोगों को बताया जा रहा है कि कूलर, फूलदान, टायर आदि में पानी जमा न होने दें।
“मेरा शहर, मेरी जवाबदेही” – नागरिक भागीदारी पर ज़ोर
इस अभियान को जन-आंदोलन में बदलने के लिए “मेरा शहर, मेरी जवाबदेही” जैसे अभियान भी जोर पकड़ रहे हैं। इसमें:
स्कूली बच्चों से लेकर रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटीज़ को शामिल किया जा रहा है।
सेल्फी विद क्लीन पॉइंट जैसी पहल शुरू की गई है ताकि लोग साफ किए गए क्षेत्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें।
व्हाट्सएप नंबरों और हेल्पलाइन पर शिकायतों की त्वरित सुनवाई का भी प्रबंध किया गया है।
पहलू प्रभाव
स्थायी स्वच्छता का आधार एक बार की सफाई नहीं, बल्कि हर दिन की आदत बनाने की कोशिश है।
नागरिकों में उत्तरदायित्व की भावना सड़क शत्रु और सेल्फी अभियान से भागीदारी को प्रोत्साहन।
बीमारियों से बचाव डेंगू-मलेरिया रोकथाम की तैयारी स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य को भी जोड़ रही है।
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पटना नगर निगम द्वारा शुरू किया गया यह 15 दिवसीय स्वच्छता पखवाड़ा केवल एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि शहरी जीवन की गुणवत्ता को सुधारने की वास्तविक कोशिश है। अगर यह अभियान ईमानदारी से लागू होता रहा और नागरिक इसमें सहयोग देते रहे, तो पटना निश्चित रूप से देश के स्वच्छतम शहरों की सूची में शामिल हो सकता है।