पटना, 10 जुलाई 2025
राजधानी पटना अब केवल शहरी विकास ही नहीं, बल्कि हरियाली और जल संरक्षण के क्षेत्र में भी मिसाल बनने की ओर बढ़ रहा है। नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा शुरू की गई अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत शहर के 40 प्रमुख पार्कों और पार्क परिसरों का जीर्णोद्धार और पुनर्विकास किया जाएगा।
इन पार्कों को इस तरह विकसित किया जाएगा कि वे न केवल आम जनता के मनोरंजन और विश्राम का केंद्र बनें, बल्कि जल संचय और पर्यावरण संरक्षण के मॉडल स्थल के रूप में भी स्थापित हों।
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हरियाली और जल संरक्षण का अभिनव संयोजन
चयनित पार्कों में तालाबों का निर्माण, वर्षाजल संचयन, और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण जैसी गतिविधियाँ की जाएँगी। साथ ही नागरिकों के लिए बेंच, ओपन जिम, बच्चों के झूले, फव्वारे और अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी।
शाम के समय में पार्क का सौंदर्य और उपयोगिता बनी रहे, इसके लिए आधुनिक और रंगीन लाइटिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा।
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कहाँ-कहाँ होंगे कार्य?
नगर निगम द्वारा वार्डवार सर्वेक्षण के बाद चिन्हित किए गए कुल 40 स्थलों में शामिल हैं।
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कंकड़बाग: आवास बोर्ड की भूमि
राजेन्द्र नगर एवं श्री कृष्णापुरी: पीआरडीए की भूमि
पाटलिपुत्र कॉलोनी: सरकारी पार्क स्थल
अन्य आवासीय और शहरी इलाकों की खुली भूमि भी शामिल
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इन सभी स्थलों को स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र के अनुसार डिजाइन किया जाएगा, जिससे शहरी जल संकट और बढ़ते तापमान जैसी समस्याओं को भी टाला जा सके।
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शहरी विकास के साथ टिकाऊ भविष्य की ओर
अमृत 2.0 योजना के तहत यह परियोजना पटना के विकास में हरित क्रांति का आधार बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन मॉडल पार्कों में जल संचयन तंत्र और वृक्षारोपण प्रभावी ढंग से किया जाए, तो यह न केवल स्थानीय जलस्तर सुधारने में मदद करेगा, बल्कि नगरवासियों को ताजी हवा और सुकून भी देगा।